डीएनए हिंदी: अंकुरित चना और गुड़ एक ऐसा कॉबिनेशन है जो हेल्दी बनाने के साथ ही आपकी कई समस्याओं का इलजा भी करता है. ये दोनों ही चीजों में भरपूर विटामिन, कैल्शियम, आयरन और कई अन्य तत्व होते हैं जो शरीर की बीमारियों और कमी को दूर करने का काम करते हैं.
चने प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, जिंक, आयरन, विटामिन-बी और ए प्रचुर मात्रा में होता है और गुड़ आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फास्फोरस हेल्दी फैट्स, कैल्शियम, कॉपर और जिंक, विटामिन बी से भरा होता है. जब इन दोनों ही फूड्स का साथ में खाया जाता है तो इसके दोगुने फायदे होते हैं. तो चलिए जानें ये दोनों किन रोगों का इलाज करते हैं.
यह भी पढ़ें: High Cholesterol: रात को दिखते हैं ये खतरनाक लक्षण, समझ लें बढ़ रहा खून में Fat का स्तर
Sprouted Chana और Jaggery के फायदे
खून की कमी होगी दूर
ब्लड में जब भी हीमोग्लोबिन की कमी होती है तो एनीमिया का खतरा बढ़ता है. अगर आप खून की कमी, थैलेसिमिया से जूझ रहे तो आपको रोज एक कटोरी अंकुरित चने के साथ गुड़ को जरूर खाना चाहिए. आयरन से भरी ये चीजें ब्लड में ऑक्सीजन और लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में मदद करते हैं. फोलिक एसिड और ऑयरन की कमी भी ये चीजें दूर करती हैं.
हड्डियां रहेंगी मजबूत
अंकुरित चना के साथ में गुड़ अगर आप नाश्ते में खाएं तो ये आपकी हड्डियों और दांतों को बुढ़ापे तक मजबूत रखेगा. इसे खाने से हड्डियों में फ्रैक्चर, जोड़ों में दर्द और दांतों के टूटने की समस्या में आराम मिलता है.
यह भी पढ़ें: Hypertension Causes: बार-बार बढ़ रहा बीपी?वजह हो सकते हैं ये फूड्स
कमजोरी होगी दूर
खून की कमी को दूर करने के साथ ये शरीर की कमजोरी को भी दूर करता है. अगर आपको बिना मेहतन किए भी हमेशा शारीरिक थकान और कमजोरी महसूस होती है तो रोज एक कटोरी अंंकुरित चना गुड़ की दो डली खा लिया करें. समस्या कुछ ही दिनों मेंं दूर होगी.
वेट होगा कम पाचन शक्ति होगी मजबूत
अंकुरित चने में फाइबर बहुत होता है. गुड़ के साथ खाने पर ये पाचन शक्ति को जबरदस्त तरीके से बढ़ाती है. साथ ही वेट लॉस में भी मददगार है. इसे खाने से मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है. यह कॉम्बिनेशन पेट में गैस, कब्ज, अपच, ब्लोटिंग आदि पेट संबंधी समस्याओं के लिए एक प्रभावी उपाय है।
ब्लड प्रेशर रहेगा कंट्रोल
अंकुरित चना और गुड़ का कॉम्बिनेशन मैग्नीशियम, पोटेशियम से भरे होने के कारण ये हाई बीपी में भी फायदेमंद होता है. इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम भी कम होता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.