डीनएए हिंदी: गर्म मौसम और उमस डिहाइड्रेशन का कारण बनता है लेकिन शुगर के मरीजों के लिए एक अलग ही परेशानी खड़ी करता है. खासकर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए ये मौमस सचेत रहने वाला है. ऐसे लोगों को तेज धूप, गर्मी और उमस से बच के रहना चाहिए.
यूके की एक स्टडी में ये बात सामने आई कि जो डायबिटीज के मरीज लंबे समय तक तेज धूप में रहते हैं उनके ब्लड शुगर में अचानक से बढ़ोतरी हो गई, वहीं जो इंसुलिन लेते थे उनकी शुगर अचानक से बहुत डाउन हो गई.
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स्डटी से जुड़े डॉक्टर डैन हॉवर्थ का कहना है कि लंबे समय तक धूप में बैठना शुगर को प्रभावित करता है क्योंकि उस वक्त वह सक्रिय नहीं होते और इससे ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है. वहीं जो इंसुलिन लेते हैं उनका कम क्योंकि गर्म मौसम के कारण ये ब्लड में तेजी से अवशोषित हो जाता है और इससे हाइपोस का खतरा बढ़ जाता है.
हाइपोस क्या है?
हाइपोग्लाइकेमिया यानी शुगर का अचानक से बहुत ज्यादाक म हो जाना. अगर शुगर अचानक से कम होता है तो कुछ संकेत से इसे आसानी से पहचाना जा सकता है.
बता दें कि अगर सोते हुए ब्लड शुगर कम होता है तो अचानक सिरदर्द के साथ नींद खुलती है. पीसने से चादर भीग जाती है
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हाइपो का इलाज कैसे करें
यदि आपकी रक्त शर्करा की रीडिंग 3.5mmol/L से कम है, तो इन तीन बातों का ध्यान रखें:
डायबिटीज रोगी इस बात का रखें ध्यान
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