आजकल की खराब जीवनशैली, गड़बड़ खानपान और फिजिकल एक्टिविटी की कमी के कारण लोग हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. इसके कारण लोगों को जिम, डांस, पार्टी, हंसते, गाते ऑफिस में बैठे-बैठे हार्ट अटैक पड़ रहे हैं. बता दें कि हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट आने पर सीपीआर (CPR - Cardiopulmonary Resuscitation) देकर मरीज की जान बचाई जा सकती है, यह एक तरह का फर्स्ट एड है. अगर आपको सीपीआर (CPR) देना आता है और आप वहां मौजूद हैं तो आप मरीज की जान बचा सकते हैं. हालांकि मरीज को सीपीआर (Cardiac Arrest Heart Attack) कैसे दिया जाए या हार्ट अटैक आने पर सीपीआर कब देनी चाहिए, इसके बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी है.
कब दें सीपीआर (CPR Success Rate)
बीएमजे (BMJ) में छपी एक अमेरिकी रिसर्च के मुताबिक, कार्डियक अरेस्ट आने के एक मिनट बाद अगर मरीज को सीपीआर दें दी जाए तो इससे मरीज के बचने की संभावना 22 प्रतिशत बढ़ जाती है. वहीं, अगर 39 मिनट के बाद सीपीआर दिया जाए तो मरीज के बचने का चांस 1 प्रतिशत से भी कम हो जाता है.
ऐसे में अगर किसी मरीज की सांस रूक जाए तो बिना समय गवाएं उसे सीपीआर देना चाहिए, इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है.
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जानें कैसे देते हैं सीपीआर (How To Perform CPR)
हार्ट अटैक पड़ने के तुरंत बाद मरीज को जमीन पर लेटा दें और फिर दोनों हाथों की हथेली को आपस में जोड़कर छाती पर जोर से दबाएं और मरीज की छाती को इतना दबाए कि अंदर तक धंस जाए. दरअसल छाती को जोर से दबाने के बाद ब्लड और ऑक्सीजन का फ्लो शरीर में फैलने लगता है. इससे मरीज की जान बचाई जा सकती है.
सीपीआर देने के बाद करें ये काम (What To Do After CPR)
बता दें कि सीपीआर देने के बाद मरीज की सांस फिर से चलनी शुरू हो जाती है, ऐसे में हार्ट अटैक पड़ने के तुरंत बाद मरीज को डॉक्टर के पास ले जाएं, ताकि समय पर मरीज का इलाज हो सके..
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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