डीएनए हिंदीः जंगल जलेबी (Madras Throne) को मीठी इमली के नाम से भी जाना जाता है. ये एक ऐसा फल है जो जलेबी की तरह घुमावदार होता है और जंगलों में पाया जाता है. इसे मीठी इमली, गंगा जलेबी, मद्रास सिंहासन, गुआमुचिल के नाम से भी जाना जाता है और ये डायबिटीज की बेस्ट आयुर्वेदिक दवा है. इसे खाने से कितना भी हाई शुगर हो कंट्रोल में आ जाता है.
खाने में बेहद स्वादिष्ट होने के साथ ही इसमें औषधिय तत्व भी खूब होते हैं. एनसीबीआई की रिपोर्ट बताती है कि इसके फल ही नहीं इस पौधे के अर्क के विभिन्न भागों में एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-माइक्रोबियल, एंटी-डायबिटिक, कार्डियो प्रोटेक्टिव, एंटी-डायरियल, एंटी-अल्सरोजेनिक, लार्वासाइडल और ओविसाइडल गुण भरे होते हैं.
मनपसंद चीज खाकर भी नहीं बिगड़ेगा Blood Sugar अगर डाइट में शामिल करेंगे ये चीज
इसके साथ ही इसमें फ्लेवोनॉयड्स, सैपोनिन्स, टैनिन्स, एल्कलॉइड्स आदि बायोएक्टिव फाइटोकंपाउंड्स भी पाए जाते हैं।. विटामिन सी, विटामिन बी1, बी2, बी3, विटामिन के, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, डाइटरी फाइबर, सोडियम और विटामिन ए से भर ये फल कोलेस्ट्रॉल से लेकर डायजेशन और हाई यूरिक एसिड में भी दवा की तरह काम करता है.
शुगर को नियंत्रित करता है
जंगली जलेबी के फल का अर्क यानी रस एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुणों से भरा होता है और इसे लेने से ब्लड शुगर तुरंत डाउन होने लगता है. टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस से पीड़ित लोगों के लिए ये किसी दवा से कम नहीं है.
ऐसे करें इसका सेवन
जंगली जलेबी को किसी भी अन्य फल की तरह छीलकर भी खाया जा सकता है, ध्यान रहे कि इसके बीज पेट में न जाएं. इसके अलावा कुछ लोग इसे सुखाकर या इसका मुरब्बा बनाकर भी खाते हैं. आप चाहें तो इसका रस भी पी सकते हैं. खाली पेट या खाने के बाद कभी भी इसे पी सकते हैं. बस ध्यान रहे की 1 कप रस से ज्यादा या 100 ग्राम से ज्यादा इसे न खाएं.
इन लोगों को जंगली जलेबी से परहेज करना चाहिए
जंगली जलेबी में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं, लेकिन कुछ लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए. इस श्रेणी में मुख्य रूप से गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को शामिल किया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर