डीएनए हिंदीः खाने के बाद अगर मीठे का तलब आपको है तो इसे केवल तलब तक ही नहीं समझें, बल्कि ये किसी न किसी शारीरिक कमजोरी या बीमारी का भी संकेत देता है. मीठे की तलब डायबिटीज से लेकर दिमाग के सुस्त होने तक के लिए जिम्मेदार होती है.
न्यूजीलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ओटागो के लेक्चरर मेई पेंग ने कहा, ‘हमारी स्टडी इस बात की ओर इशारा करती है कि शुगर कोमा जिसका संबंध ग्लूकोज से है एक ऐसी घटना है जो हकीकत में होती है. इस अवस्था में ग्लूकोज जिसमें चीनी की ज्यादा मात्रा होती है का सेवन करने के बाद उस व्यक्ति का अटेंशन यानी सतर्कता घटने लगती है. खासतौर पर इस स्टडी में इस बात की ओर फोकस किया गया कि चीनी के सेवन के बाद हमारे मस्तिष्क के काम करने की प्रवृत्ति में किस तरह का बदलाव होता है. यानी ज़्यादा मीठा खाने से दिमाग की सोचने समझने और काम करने की शक्ति कम हो जाती है.
लो ब्लड शुगर
अगर आप डायटिंग करते हैं या खाना कम खाते हैं और ज्यादा देर तक बिना खाए-पिए रहते हैं, तो इससे हमारे शरीर को अधिक एनर्जी की जरूरत महसूस होती है. इसकी वजह से हमें ज्यादा कार्बोहाइड्रेट लेने की आवश्यकता पड़ती है, जिसके कारण हमें शुगर क्रेविंग होने लगती है.
स्ट्रेस हार्मोन
स्ट्रेस के कारण शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन हार्मोन ज्यादा बनने लगते हैं. शरीर में इन दोनों हार्मोन्स के बढ़ने से बॉडी में असंतुलन होने लगता है, जिससे ब्लड प्रेशर और इंसुलिन का लेवल भी बढ़ने लगता है. साथ ही इसकी वजह से शुगर क्रेविंग भी होने लगती है.
नींद की कमी
देर तक जागने के वजह से अक्सर नींद पूरी नहीं हो पाती है. ऐसे में जब हमारी नींद अधूरी रह जाती है, तो इससे शरीर में उर्जा की कमी होने लगती है. इस वजह से भी हमें जंक फूड या मीठी चीजें खाने का मन करता है. दरअसल, खराब नींद हमारी हार्मोन्स को प्रभावित करती है, जिससे शुगर क्रेविंग होती है.
ग्लूकोज स्तर बिगड़ने पर
अक्सर कई लोग मोटापे कम करने के लिए डाईटिंग का सहारा लेते हैं. ऐसे में कड़ी डाइटिंग की वजह से शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी होने लगती है, जिससे शरीर का ग्लूकोज स्तर बिगड़ने लगता और शुगर क्रेविंग होने लगती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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