World Asthma Day 2023: कफ-खांसी का आना अस्थमा या ब्रोंकाइटिस? जानिए लक्षणों में अंतर

Written By ऋतु सिंह | Updated: May 02, 2023, 09:40 AM IST

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में अंतर

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस दोनों श्वसन रोग हैं और दोनों के ही लक्षण काफी एक से होते हैं लेकिन दोनों में काफी अंतर है. चलिए दोनों के बीच के अंतर और लक्षण को जानें.

डीएनए हिंदीः लगातार आने वाली खांसी, कफ या बलगम कई बीमारियों का संकेत देते हैं. ये संकेत टीबी से लेकर अस्थमा और ब्रोंकाइटिस का भी हो सकता है. टीबी में एक एडवांस लक्षण ये होता है कि कफ या खांसी से खून भी आता है लेकिन अस्थमा यानी दमा या ब्रोंकाइटिस के बीच क्या अतंर होता है यह आसानी से पता नहीं चलता.

अस्थमा के लक्षणों को ब्रोंकाइटिस या फ्लू से अलग करने की आवश्यकता है क्योंकि समय पर इसकी पहचान नहीं हुई तो ये गंभीर हो सकता है और इसे नियंत्रित करना मुश्किल हो सकता है. वायरस या बैक्टीरिया के कारण तीव्र ब्रोंकाइटिस कुछ मामलों में अस्थमा में बदल सकता है. वहीं, अस्थमा में ब्रोंकाइटिस का भी खतरा हो सकता है जो बीमारी को बेहद खराब कर सकता है.

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ब्रोंकाइटिस और अस्थमा दोनों ही सांस से जुड़ी बीमारियां है और इनके लक्षण भी काफी कुछ एक जैसे होते हैं. तो चलिए ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लक्षणों के अंतर को जान लें.

ब्रोंकाइटिस के लक्षण
ब्रोंकाइटिस आमतौर पर एक संक्रमण या एंवॉयरमेंटल दिक्कतों के कारण होता है, जबकि अस्थमा एक पुरानी स्थिति है जिसमें वायुमार्ग सूज जाता है और सिकुड़ जाता है जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है.

ब्रोंकाइटिस के लक्षणों में आमतौर पर खांसी, गले से लेकर सीने तक घरघराहट और सांस फूलना शामिल होती है. इसमें अस्थमा की तरह सीने में जकड़न, आधी सांस आना या  छाती में कसाव महसूस नहीं होता है.

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दमा के लक्षण
अस्थमा में फेफड़ों में वायुमार्ग की सूजन और संकुचन हो जाता है. अस्थमा में खांसी, घरघराहट, सांस की तकलीफ, सीने में जकड़न और सांस लेने में कठिनाई शामिल होते हैं. अस्थमा के लक्षण एंवॉयरमेंटल दिक्कतों जैसे धूल, पराग और धुएं के साथ-साथ व्यायाम, तनाव भी कारण बनते हैं. 

अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के लक्षणों में अंतर
हालांकि ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लक्षण समान हो सकते हैं, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं.

ब्रोंकाइटिस आमतौर पर एक वायरल संक्रमण होता है जो धुएं, धूल या रसायनों जैसे एंवॉयरमेंटल दिक्कतों के कारण होता है. ब्रोंकाइटिस के लक्षण आमतौर पर उचित उपचार के साथ कुछ हफ्तों में ठीक हो जाते हैं. दूसरी ओर, अस्थमा एक पुरानी स्थिति है जो फेफड़ों में वायुमार्ग की सूजन के कारण होती है. अस्थमा के लक्षण किसी भी समय हो सकते हैं. जबकि ब्रोंकाइटिस का एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज किया जा सकता है, अस्थमा को आमतौर पर सूजन को नियंत्रित करने और लक्षणों को रोकने के लिए दीर्घकालिक दवा के साथ प्रबंधित किया जाता है.

ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के लिए निवारक उपाय
ऐसे कई निवारक उपाय हैं जो ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के विकास के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं, साथ ही उन लोगों के लक्षणों को प्रबंधित कर सकते हैं जिनका पहले ही निदान किया जा चुका है.

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- धुएं और प्रदूषण जैसे एंवॉयरमेंटल दिक्कतों के संपर्क में आने से बचना, अच्छी स्वच्छता जैसे बार-बार हाथ धोना और वायुमार्ग में बलगम को ढीला करने में मदद करने के लिए हाइड्रेटेड रहना. अस्थमा की रोकथाम के लिए धूल, पराग, और पालतू पशुओं की रूसी जैसे ट्रिगर्स से बचने की आवश्यकता होती है, निर्देशानुसार निर्धारित दवाएं लें, और पीक फ्लो मीटर के साथ फेफड़ों के कार्य की निगरानी करना जरूरी होता है.

- इसके अलावा जीवनशैली में बदलाव जैसे नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार भी फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार करने और श्वसन समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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