Head and Neck Cancer: गले से कुछ निगला नहीं जाता या बोलने में होती है दिक्कत, तुरंत चेक करें

| Updated: Jul 27, 2022, 03:05 PM IST

Head and Neck Cancer से जुड़ी ये बातें जरूर जान लें, गले की छोटी सी खराश को भी ना करें नजरअंदाज, हो सकते हैं कैंसर के संकेत

डीएनए हिंदी: Cancer एक बहुत ही जानलेवा बीमारी है लेकिन आजकल शरीर के किसी भी हिस्से में छोटी सी गांठ कब ट्यूमर या कैंसर का रूप ले लेती है पता ही नहीं चलता है. ब्रेस्ट, ब्लड और सर्वाइकल कैंसर आजकल आम सा होता जा रहा है. 27 July को हर साल हेड एंड नेक कैंसर डे (Head and neck cancer day) के रूप में मनाया जाता है. हम आपको बताते हैं कि गर्दन, गले और ब्रेन से जुड़े कैंसर के लक्षणों को कैसे पहचानें और शुरुआत में ही उनकी जांच कैसे करें ताकि आगे जाकर बीमारी जानलेवा न बन जाए.

कैसे होता है कैंसर (How this cancer Develops) 

नेक यानी गर्दन और गला इससे जुड़ा होता है, जैसे गले में आवाज में कठिनाई होती है, बार बार आपको टॉन्सिल (Tonsil) की समस्या होती है या फिर गले में खराश रहती है या फिर थाइरॉयड (Thyroid) है तो सावधान हो जाएं, ये कैंसर के संकेत हो सकते हैं. दरअसल, इन सबको ओरल कैंसर (Oral Cancer) के रूप में माना जाता है. जीभ, दांत या फिर गले में कोई समस्या हो रही है तो तुरंत उसको चेक कराएं. जो लोग ज्यादा धुम्रपान करते (Smoking) हैं या फिर एल्कोहल का सेवन करते हैं उन्हें इसका डर बना रहता है. पान सुपारी के सेवन से हमारे मुंह में छाले पनपते हैं, जब यह बार-बार होने लगे तो यह कैंसर का जन्म दे सकता है, ह्यूमन पैपिलोमा वायरस भी इसका एक कारण है.

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सिर और गर्दन का कैंसर आमतौर पर स्क्वैमस कोशिकाओं (Squamous cells) में शुरू होता है, जो सिर और गर्दन की भीतरी नम एवं म्युकोसल सतह में पाई जाती हैं, जैसे मुंह, नाक और गले के भीतर की तरफ

कैंसर के लक्षण  (Symptoms of Cancer) 

अगर गले में दर्द हो रहा है, कुछ भी निगलने में परेशानी हो रही है तो तुरंत इसकी जांच करवाएं.
मुंह में बार बार छाले होना, स्मेल आना 
जीभ में दिक्कत, सिर से गर्दन तक दर्द रहना

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कैसे करें बचाव (Precaution in Hindi)

तंबाकू और नशीले पदार्थों का सेवन छोड़ दें. 
गले या सिर में थोड़ी भी परेशानी होते ही डॉक्टर को दिखाएं 
जांच करवाने से पीछे ना हटें
थाइरॉयड और बाकी किसी भी छोटी बीमारी होते ही तुरंत अलर्ट हो जाएं
पहले बायाप्सी की जाती है
फिर रेडियो व कीमोथैरेपी शुरू होती है 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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