Tomato Fever in India: क्यों इसे टोमेटो फीवर का दिया गया नाम, क्या कहती है लैंसेट की रिपोर्ट

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 23, 2022, 11:27 AM IST

Tomato Fever कैसे होता है, इस वायरस के लक्षण क्या हैं, क्या भारत में यह फैल रहा है, लैंसेट की रिपोर्ट बताती है कि इसे क्यों टोमेटो फीवर का नाम दिया गया है. आईए जानते हैं

डीएनए हिंदी : क्या होता है टोमेटो फ्लू (What is Tomato Flu) क्या यह कोई नई बीमारी है जिसकी शुरुआत भारत में मानी जा रही है. ये सवाल इसलिए हैं क्योंकि लैंसेट जर्नल (Lancet Journal) के एक आर्टिकल के मुताबिक भारत में एक नई बीमारी टेमेटो फ्लू सामने आई है, जिसकी चपेट में 80 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं. तो क्या भारत से एक नई महामारी (Pandemic in india) का जन्म हो रहा है, क्या कोरोनावायरस (Covid 19) और मंकीपॉक्स (Monkeypox) के बाद एक और नई बीमारी के लिए भारत को तैयार रहना होगा. इस तरह के सवाल उठने लगे हैं. 

क्या है टोमेटो फ्लू (What is tomato flu and Symptoms) 

सबसे पहले केरल (Kerala) में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ये बीमारी पाई गई. इस बीमारी में बच्चों को बुखार (Tomato Fever) के साथ लाल चकत्ते यानी Rashes और लाल दाने निकलते हैं जो कुछ कुछ टमाटर (Tomato symptoms) जैसे लगते हैं. आमतौर पर यह बीमारी ऐसे बच्चों में देखी जा रही है जिन्हें हाल ही में डेंगू (Dengue) या चिकनगुनिया हुआ है और वो उससे ठीक भी हो रहे हैं. इस बीमारी में बुखार के साथ थकान,लाल दाने,जोड़ों में दर्द हो सकता है. 

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क्यों इसका नाम टोमेटो फ्लू पड़ा 

इस बारे में हमने मधुकर रेनबो अस्पताल के डॉ पवन कुमार से बातचात की. उन्होंने बताया कि यह वायरस (Tomato Virus) दूसरे वायरस से काफी अलग है और कम खतरनाक भी है. आमतौर पर यह बीमारी आराम करने और बुखार की दवा लेने से ही 5 से 7 दिन में ठीक हो जाती है. यह एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैल सकती है लेकिन इसके बच्चों से बड़ों में फैलने की आशंका कम ही रहती है. हालांकि कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह कोई नई बीमारी नहीं है,बस इसे टेमेटो फ्लू का नाम नया दिया गया है. 

लैंसेट जर्नल में जो रिसर्च पेपर छपा है उसमें यह कहीं नहीं लिखा है कि लैब टेस्ट या किसी और तरीके से यह साबित हुआ है कि यह कोई नया वायरस है. डॉ अनिल बत्रा के मुताबिक यह बच्चों में पाई जाने वाली हैंड,फुट एंड माउथ डिजीज ही है या यह उसका वेरिएंट भी हो सकता है. यह बीमारी पहले भी भारत के हर हिस्से में बच्चों में पाई गई है. नई बीमारी का नाम देने के लिए पहले रिसर्च और टेस्ट के जरिए इस बीमारी की पहचान होनी चाहिए. 

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जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक टोमेटो फ्लू का पहला मामला 6 मई को केरल के कोल्लम में मिला था और तीन महीने में इस बीमारी ने 82 बच्चों को अपनी चपेट में लिया है. केरल के अलावा, तमिलनाडु, कर्नाटक और ओडिशा में भी इस बीमारी के शिकार बच्चे मिले हैं.यह बीमारी कोरोनावायरस की तरह तेजी से नहीं फैलती और ना ही मंकीपॉक्स की तरह जानलेवा साबित होती है.डॉक्टर्स के मुताबिक इस वायरस के आक्रमण होने से बच्चों को आराम करवाएं, स्कूल और खेलने ना जाने दें, बच्चों को फ्लूइड्स देते रहें. इससे उनके ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है. 
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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