दाल डेली डाइट का हिस्सा है और इसे खाना कई तरह से फायदेमंद भी होता है लेकिन 5 समस्या ओं से परेशान लोगों के लिए दाल बेहद नुकसानदायक साबित हो सकती है. अगर आप रोज दाल या बींस आदि खाते हैं तो आपको यह खबर जरूर पढ़ लेनी चाहिए. हर भारतीय घर में खाने में दाल जरूर होता है. दाल बच्चेो लेकर बूढ़ों तक के लिए जरूरी भी हैं लेकिन तभी जब आप पूरी तरह से स्वतस्थए हों या किसी खास तरह की बीमारी से ग्रस्तह न हों, यहां आपकों वो 5 बीमारियों के बारे में बताएंगे, जिनमें दाल खाना बीमारी को और गंभीर बना सकता है. विटामिन, मिनरल और फाइबर के साथ ही प्रोटीन से भरी दाल जानिए किसे खाने से परहेज करना चाहिए.
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किडनी रोग में दाल से करें परहेज
अगर आप किडनी की बीमारी से ग्रस्तस हैं तो आपके लिए हाई प्रोटीन डाइट मना है. ऐसे में इन लोगों को दाल से परहेज करना चाहिए. हाई प्रोटीन किडनी की क्षमता को और प्रभावित कर सकती है. ज्यादा दाल खाने से किडनी में स्टोन की समस्या हो सकती है. दाल में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है जो किडनी स्टो न का कारण बनती है.
एसिडीटी गैस की समस्या्
एसिडीटी-गैस या पाचन संबंधित दिक्कसतों से आप परेशान रहते हैं तो भी आपको दाल का सेवन कम से कम करना चाहिए, क्योसकि ये परेशानी को और बढ़ा सकते हैं. दाल में फाइबर अधिक होता है और इससे गैस और एसिडीटी बढ़ती है. कई बार कमजोर पाचन वाले हाई प्रोटीन डाइट को पचा भी नहीं पाते.
माइग्रेन का खतरा
दाल खाने से एसिडीटी की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है, जिसके कारण माइग्रेन की समस्या भी होती है. जिन लोगों को हमेशा सिरदर्द या माइग्रेन रहता है उनके लिए दाल ट्रिगर का काम करती है.
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गाउट या यूरिक एसिड का खतरा
अगर कोई व्यक्ति गठिया से पीड़ित है तो उसे बिना डॉक्टर की सलाह के दाल और बीन्स का सेवन नहीं करना चाहिए. दाल में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है, जो शरीर के लिए हानिकारक हो सकती है.
पाचन हो सकता है खराब
दाल में लेक्टिन की मात्रा अधिक होती है, जिससे आपका पाचन खराब हो सकता है. अगर कोई व्यक्ति IBS जैसे रोगों से पीड़ित है, तो उसे इससे समस्या हो सकती है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।)
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