डीएनए हिंदीः उत्तराखंड के कुमाउं रिजीन का सुपरफूड है मंडुए का आटा, इसे खाने से शरीर के एक नहीं कई फायदे मिलते हैं. मडुआ के आटे में एमिनो एसिड, एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं और साथ ही ये हाई फाइबर और ग्लेटेन फ्री होता है. यही इस आटे की खूबी है.
आयुर्वेद में भी मडुआ को लेकर कई फायदे बताए गए हैं. मडुआ के सेवन से अत्यधिक प्यास लगने से लेकर शारीरिक कमजोरी तक दूर होती है. मडुआ का प्रयोग मूत्र रोग में करना विशेष लाभाकरी बताया गया है और इसे खान से शरीर की गंदगी साफ होती है और शरीर की जलन, त्वचा विकार, किडनी या पथरी तक की समस्या इससे बनी रोटी खाने से दूर होती है.
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इसलिए डायबिटीज में है फायदेमंद
मडुआ ग्लूटन फ्री होता है, जिससे ब्लड में ग्लूकोज के स्तर में गिरावट आती है. सुबह-शाम इस रोटी को खाने से शरीर में फाइबर खूब मिलता है और हाई फाइबर के कारण पेट लंबे समय तक भरा रहता है और शुगर भी कंट्रोल रहती है.साथ ही वजन कम होने में मदद भी मिलती है.
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता है ये आटा
मडुआ के आटे में 80 प्रतिशत कैल्शियम की मात्रा पाई जाती है. इसका आटा हड्डियों में ऑस्टियोपोरोसिस होने से बचाने में सहायक है.
स्किन रहती है टोन
मडुआ के आटे का सेवन त्वचा के लिए बेहद फायदेमंद है. इसमें मौजूद एमिनो एसिड की मदद से स्किन टिश्यू झुकते नहीं है, जिससे झुर्रियां नहीं पड़ती हैं. इसके मडुआ विटामिन डी का भी अच्छा सोर्स है.
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खून की कमी होगी दूर
मडुआ का आटा आयरन का मुख्य स्त्रोत है. एनिमिया से जूझ रहे और कम हिमोग्लोबिन वाले मरीजों के लिए यह लाभदायक है. खासकर महिलाओं को तो इसका सेवन करना चाहिए. अगर रागी को अंकुरित करके खाया जाए तो विटामिन सी का लेवल और बढ़ जाता है और आयरन शरीर में आसानी से पच जाता है और खून में आसानी से मिल जाता है.
कब्ज होगा दूर
मडुआ खाने से पेट की गैस कब्ज की समस्या कम होती है और पाचन शक्ति सुचारू होती है. मडुआ एक ऐसा अनाज है जो जल्दी पच जाता है. माइग्रेन रोगियों को भी इस आटे को खाना चाहिए.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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