डीएनए हिंदीः गठिया एक ऐसी स्थिति है जो जोड़ों के दर्द और सूजन का कारण बनती है और ये यूरिक एसिड बढ़ने के कारण ही होता है. अगर आप गठिया या हाई यूरिक एसिड के मरीज हैं तो आपको दैनिक जीवन में कुछ चीजें रोज डाइट में खाने की आदत डालनी होगी. ये आयुर्वेदिक चीजें न केवल यूरिक एसिड को कंट्रोल करती हैं बल्कि गठिया में होने वाला जोड़-जोड़ का दर्द भी दूर होने लगात है.
ऑस्टियोआर्थराइटिस (ओए) और रुमेटीइड गठिया (आरए) गठिया के सबसे आम प्रकार हैं जो गंभीर जोड़ों के दर्द का कारण बनते हैं. गठिया जोड़ों और हड्डियों में दर्द के सामान्य कारणों में से एक है. जोड़ों और हड्डियों में अकड़न, सूजन और दर्द के कारण साधारण काम जैसे -बैठना या झुकना भी कष्टदायक हो जाता है.
ये 7 फल ब्लड में घोल देंगे यूरिक एसिड, किडनी में बनने लगेगी पत्थरी
न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा कुछ ऐसी डाइट और लाइफस्टाइल के बारे में बता रही हैं जिससे आसानी से यूरिक एसिड को कम किया जा सकेगा और गठिया से होने वाले दर्द से राहत पाई जा सकती है. एक इंस्टाग्राम रील में वह बताती हैं कि गठिया के दर्द से निपटने के लिए कुछ जड़ी-बूटियों का उपयोग के बारे में बताई हैं.
गठिया दर्द प्रबंधन: 5 जड़ी-बूटियां जो दर्द और यूरिक एसिड करेंगी कम
1. एलोवेरा
एलोवेरा में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह जोड़ों के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है. एलोवेरा में पाया जाने वाला जेल एंथ्राक्विनोन से भरा होता है जो स्थिति को सुधारने में कारगर माना जाता है.
इन लोगों को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए लहसुन, शरीर को हो सकता है नुकसान
2. हल्दी
हल्दी एक और जड़ी बूटी है जिसे आपको गठिया के प्रबंधन के लिए अपने आहार में शामिल करना चाहिए. इसका मुख्य घटक करक्यूमिन है, जो दर्द से राहत प्रदान कर सकता है और सूजन को कम कर सकता है.
3. थाइम
थाइम का उपयोग गठिया से निपटने के लिए भी किया जा सकता है. इसमें भी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं और यह रोग के प्रबंधन में प्रभावी हो सकता है.
4. अदरक
अदरक का इस्तेमाल गठिया के दर्द को कम करने के लिए किया जा सकता है. इसमें ल्यूकोट्रिएन नामक भड़काऊ अणुओं को दबाने की क्षमता है. अदरक प्रोस्टाग्लैंडिंस को भी संश्लेषित कर सकता है जो गठिया में दर्द का कारण होते हैं.
Uric Acid: बढ़ते यूरिक एसिड को रोक देता है टमाटर, डाइट में शामिल करने पर होता है फायदा
5. लहसुन
लहसुन में डायलील डाइसल्फ़ाइड नामक एक एंटी-इंफ्लेमेटरी यौगिक पाया जाता है जो प्रो-इंफ्लेमेटरी साइटोकिन्स के प्रभाव को दबाने में मदद करता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर