Unseasonal Rain Side Effects: बेमौसम बरसात में घेर सकती हैं ये बीमारियां, बचाव के ये उपाय अपनाएं

सुमन अग्रवाल | Updated:Oct 11, 2022, 09:54 AM IST

Unseasonal Rain Effects से कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं, जैसे मलेरिया, वायरल फीवर, जानें कैसे आप इनसे अपना बचाव कर सकते हैं.

डीएनए हिंदी: Unseasonal Rain Disease Effects- अगर बारिश लगातार होती है तो कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है और बरसात बेमौसम की होती है तो और ज्यादा बीमारियां घेर लेती हैं. पिछले चार दिनों से कई राज्यों में लगातार हो रही बारिश ने लोगों को परेशान तो कर रखा है लेकिन साथ ही सर्दी, खांसी ,वायरल हो रहे हैं. हर घर में कोई ना बीमार पड़ रहा है. इसके साथ ही मच्छर से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं. आईए जानते हैं कैसे सावधान रहा जा सकता है और कैसे घरेलू इलाज से इन बीमारियों से बचा जा सकता है. 

मच्छर से जुड़ी बीमारियां (Mosquito Disease) 

मॉनसून के मौसम में मच्छरों के काटने से फैलने वाली खतरनाक बीमारियां हैं मलेरिया,डेंगू और चिकनगुनिया. हालांकि अभी बारिश का मौसम है नहीं लेकिन बेमौस बरसात और ज्यादा खतरनाक होती है. बारिश के मौसम में जगह जगह पर पानी जमा हो जाता है, इसके साथ ही गंदगी भी बढ़ती है, जिस वजह से मच्छरों की आबादी भी बढ़ जाती है और इस तरह की बीमारियां फैलती है. 

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वायरल (Viral Fever)

घर घर में बुखार हो रहा है. यह बीमारी मुख्यत Borrelia burgdorferi बैक्टीरिया के कारण होती है. जो संक्रमित काली टांगों वाले कीड़ों के काटने से फैलती है.इस बीमारी के मामले भी भारत में कम ही देखने को मिलते हैं.

कोल्ड और फ्लू (Cold and Flu) 

बरसात के मौसम में वातावरण में कई बैक्टीरिया और वायरस जिंदा रहते हैं. जो नाक, मुंह या आंखों के रास्ते हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और शरीर को बीमार कर देते हैं. इसके कारण सर्दी-जुकाम, खांसी, बुखार जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

डायरिया (Diarrhea)

पानी की वजह से डायरिया जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं, बरसात के मौसम में ही दस्त लगने लगते हैं. ये दूषित खाने पीने के सामान या गंदा पानी पीने से होता है. इस मौसम में ई-कोलाई , साल्मोनेला , रोटा वायरस , नोरा वायरस का संक्रमण बढ़ जाता है. जिसके कारण पेट व आंतों में सूजन और जलन होकर उल्टी दस्त आदि की शिकायत हो जाती है.

इस मौसम में त्वचा पर फोड़े , फुंसी , दाद , खाज , घमोरियां  , रैशेज , फंगल इंफेक्शन आदि सकते है. पसीना ज्यादा आता है लेकिन शरीर में सूख भी जाता है, इससे स्किन इंफ्केशन ज्यादा होता है. 

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बचाव  (Prevention) 

संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें.
गमले, कूलर, खाली बर्तन आदि में बारिश का पानी जमा ना होने दें.
पीने का पानी और सब्जियां व फल साफ रखें.
हाथों, पैरों को अच्छी तरह धोयें.
हो सके तो पानी को उबालकर ठंडा करके पिएं
मच्छर भगाने वाली चीजों व कीटनाशक का इस्तेमाल करें.
भरपूर नींद लें और शारीरिक व्यायाम करें.

आयुर्वेद उपाय (Ayurvedic Remedies) 

काढ़ा पी सकते हैं, स्टीम ले सकते हैं. साथ ही आयुर्वेद की कुछ चीजें आपके स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी हो सकती हैं. 

तुलसी के पत्ते, काली मिर्च और अदरक के टुकड़े काटकर पानी में उबालें और फिर छानकर चाय की तरह पिएं. इससे बहुत आराम मिलता है

दालचीनी, हल्दी, हल्दी वाला दूध, लहसुन भी खा सकते हैं. 

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