यूरिक एसिड जब शरीर में बढ़ता है तो तो ये ब्लड से जोड़ों के बीच गैप में पहुंच जाता है और तब यहां ये सीमेंट की तरह जम जाता है, इससे न केवल जोड़ों के बीच का ग्रीस खत्म हो जाता है ब्लकि किडनी पर भी प्रेशर पड़ने लगता है और कई बार किडनी में स्टोन बनते हैं जिससे कि़डनी इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ता है.
अगर आपके साथ ऐसा हो रहा और हड्डियों में गैप बनकर सूजन आ रही या किडनी सही तरीके से काम नहीं कर रही तो आपके लिए आयुर्वेद में एक हरी चटनी बेहद कमाल का असर करने वाली बताई गई हैं. ये चटनी लहसुन और धनिया-पुदीने के साथ हरी मिर्च, अजवाइन, नींबू की कुछ बूंद, सेंधा नमक से बनाई जाती है, खास बात ये है कि स्वाद के साथ ये आपके शरीर की गंदगी को भी कोने-कोने से छानकर शरीर से बाहर करती है. इससे किडनी पर लोड कम होता है.
पुदीने के फायदे
पुदीना फाइटोन्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो पाचन के लिए चमत्कारी रूप से काम करता है. इस जड़ी बूटी में मौजूद मेन्थॉल पाचन तंत्र में पित्त लवण और एसिड के स्राव को सक्रिय करता है. यह पेट की चिकनी मांसपेशियों पर भी काम करता है और अपच के कारण होने वाली गैस को कम करने में मदद करता है. पुदीने का अर्क ज़ैंथिन ऑक्सीडेज को रोकता है, जो यूरिक एसिड के निर्माण में शामिल एक एंजाइम है, साथ ही ऑक्सीडेटिव तनाव उत्पन्न करने में भी मदद करता है, जो रोग के पैथोफिज़ियोलॉजी में योगदान देता है.
इस चटनी में नींबू का रस या आंवला या हरा आम होता है, जो विटामिन सी के उत्कृष्ट स्रोत हैं और हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद करते हैं.
लहसुन के फायदे
लहसुन में एलीसीन नामक तत्व होता है. इसका सेवन करने से यूरिक एसिड को कंट्रोल करने और गठिया के दर्द को दूर करने में भी मदद मिलती है." 1. एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज: लहसुन में मौजूद एलीसिन कार्टनाइस (allicin) एक शक्तिशाली सूजनरोधी है.
धनिया के फायदे
धनिया के पत्तों में मौजूद विटामिन सी और विटामिन के यूरिक एसिड (Uric Acid) को कम करने में मदद करते हैं. इसके अलावा, इसे उबालकर पीना भी आसान और प्रभावी तरीका है. तेज पत्ता एक प्राकृतिक उपचार है जो यूरिक एसिड (Uric Acid) को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.
सूजन को खत्म करता है
यह चटनी शरीर से सूजन को खत्म करने में मदद करती है और शरीर को भीतर से अधिक स्वस्थ और मजबूत महसूस कराती है.
यूरिक एसिड के लिए रामबाण इलाज है ये चटनी
लहसुन-पुदीना की चटनी यूरिक एसिड के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है. इस चटनी के सेवन से प्यूरीन के पाचन में मदद मिलती है और यह गठिया के दर्द को कम करने में भी फायदेमंद है. खास बात यह है कि इस चटनी को आप घर पर भी आसानी से बना सकते हैं. तो आइए जानते हैं इस चटनी के फायदे और इस चटनी की रेसिपी.
हरी चटनी के फायदे
लहसुन- धनिया और पुदीने की चटनी न सिर्फ प्यूरिन के पाचन को तेज करती है बल्कि प्रोटीन के पाचन को भी तेज करने का काम करती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, पुदीना शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखने में फायदेमंद है. यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो हड्डियों में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं. जिससे गठिया की समस्या से भी राहत मिलती है.
सूजन को खत्म करता है
यह चटनी शरीर से सूजन को खत्म करने में मदद करती है और शरीर को भीतर से अधिक स्वस्थ और मजबूत महसूस कराती है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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