डीएनए हिंदीः अगर आपको ये लगता है कि यूरिक एसिड हाई होने पर केवल दवा ही काम कर सकती है तो बता दें कि दवा कुछ समय के लिए भले ही आपके यूरिक एसिड को कंट्रोल करें, लेकिन लंबे समय तक इसका असर आपके शरीर पर नहीं होता है. यूरिक एसिड को खानपान से ही कंट्रोल करना सबसे बेस्ट तरीका होता है.
अमूमन ये कहा जाता है कि यूरिक एसिड जब हाई हो तो प्रोटीन वाली चीजें बिलकुल नहीं खानी चाहिए, लेकिन आपको बता दें कि कुछ प्रोटीन वाली चीजें यूरिक एसिड को कम करती हैं भले ही वो प्यूरीन युक्त हों. ये सुनने में भले ही अटपटा लगे लेकिन ये सच है कि कुछ नेचुरल प्यूरीन से भरी चीजें भी आपके शरीर में यूरिक एसिड को कम करने का काम करती हैं.
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टीसाइड यूनिवर्सिटी की न्यूट्रीशन, फूड एंड हेल्थ की सीनियर लेक्चरर लौरा ब्राउन का कहना है कि यूरिक एसिड हाई होने पर कई ऐसे प्यूरिन रिच फूड हैं जो इसे कम करने का काम करते हैं. प्यूरीन की मात्रा अधिक होने के बावजूद गाउट यानी गठिया के दर्द को कम करने के साथ किडनी पर पड़ने वाले प्रेशर को कम किया जा सकता है.
कब हाई प्यूरिन डाइट भी यूरिक एसिड कम करने का काम करती है?
लौरा का कहना है कि ये सच है कि हाई प्रोटीन डाइट यूरिक एसिड को बढ़ाकर जोड़ों में क्रिस्टल के जमाव को बढ़ाते हैं और इसी कारण किडनी खराब होने और जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ती है लेकिन तभी जब ये हाई प्रोटीन एनिमल बेस्ड हो. लौरा ने बताया कि जब भी प्लांट बेस्ड प्रोटीन लिया जाता है तो प्यूरिन रिच होने के बाद भी ये यूरिक एसिड को घटाती है. उनका कहना है कि जिस तरह से मीट या अंडे आपके शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाते हैं उस तरह प्लांट बेस डाइट से ऐसा नहीं होता है.
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इन चीजों को खाने से कम होगा यूरिक एसिड का स्तर
शतावरी, पालक और बीन्स, सेम, बोड़ा या राजमा, चना जैसे चीजें हाई प्यूरीन वाली सब्जियां गाउट या बार-बार होने वाले गाउट हमलों के जोखिम कम करती है और यूरिक एसिड को कम कर किडनी पर से प्रेशर हटाती हैं. इससे किडनी कि फिल्टरेशन क्षमता तेज होती है.
उदाहरण के तौर पर शतावरी में फाइबर और अन्य तत्व पोषक तत्व ज्यादा होते हैं, इसलिए ये यूरिक एसिड को शरीर से बाहर करने में दवा की तरह काम करती है. शतावरी के सेवन से रक्त में यूरिक एसिड का स्तर न्यूनतम रूप से बढ़ता है और इसलिए गाउट का खतरा नहीं होता है.
मटर-दाल खाकर भी कम रहेगा यूरिक एसिड
लौरा ने अपने रिसर्च में करीब 47,000 से अधिक पुरुषों को शामिल किया था जो हाई यूरिक एसिड से ग्रस्त थे, उन सभी को मटर, बीन्स, दाल, पालक, मशरूम और फूलगोभी जैसे खाद्य पदार्थों खाने के दिए गए और इससे उनके यूरिक एसिड के स्तर को कोई खतरा नहीं हुआ. इस रिसर्च में ये बात सामने आई कि जो लोग सबसे अधिक वनस्पति प्रोटीन खाते हैं उनमें गाउट विकसित होने का जोखिम 27 प्रतिशत कम था, उनकी तुलना में जो इसे खाते ही नहीं हैं. असल में मांस की तुलना में पौधों के खाद्य पदार्थों में आमतौर पर प्यूरीन कम केंद्रित होता है.
आधा कप बीन्स की प्यूरीन सामग्री लगभग 20-75 मिलीग्राम प्रति सर्विंग के बीच होती है जो मीडियम है. हाल के शोध में यह भी पाया गया है कि अधिक सेम का सेवन कम सीरम यूरेट स्तर और पुरुषों और महिलाओं दोनों में रक्त में ऊंचे यूरिक एसिड के कम करने का काम करता है. इसलिए, विशेषज्ञों ने निष्कर्ष निकाला कि जब प्यूरीन की बात आती है तो मांस खाने की तुलना में स्वस्थ पौधों का भोजन खाना अधिक सुरक्षित होता है.
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हालांकि, मांस, मछली, समुद्री भोजन और शराब का सेवन कम करके यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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