डीएनए हिंदी: (Uric Acid Normal Range and Test) खराब लाइफस्टाइल और खानपान की वजह से यूरिक एसिड की समस्या बुजुर्गों में ही नहीं युवाओं में भी होने लगी है. इसके हाई होने पर जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न से लेकर हाथ पैरों में दिक्कत शुरू हो जाती है. यूरिक एसिड के हाई होने पर किडनी स्टोन से लेकर गाउट और डायबिटीज व ब्लड प्रेशर की समस्याएं होने लगती है. इसकी जांच करना भी बेहद जरूरी है.
एक तिहाई लोगों में नहीं दिखते इसके लक्षण
वैसे तो जोड़ों में दर्द, सूजन और किडनी में स्टोन जैसी समस्याएं हाई यूरिक एसिड की तरफ इशारा कर देती है, लेकिन बहुत से लोगों में इसके लक्षण आसानी से दिखाई नहीं देते हैं. वहीं एक्सपर्टस का दावा है कि एक तिहाई लोगों में यूरिक एसिड हाई होने पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. यह अंदर ही अंदर समस्या को बहुत ज्यादा बढ़ा देते हैं. ऐसी स्थिति से बचने के लिए डाॅक्टर समय समय पर यूरिक एसिड जांच कराने की सलाह देते हैं.
इस वजह से बढ़ जाता है यूरिक एसिड
यूरिक एसिड बढ़ने की मुख्य वजह प्यूरिन युक्त भोजन करने के साथ ही यह सेल्स के नैचुरल ब्रेकडाउन से बनता है. शरीर में इसकी मात्रा ज्यादा होने पर किडनी इसे फिल्टर नहीं कर पाती. ऐसी स्थिति में प्यूरिन टूट जाते हैं और यह यूरिक एसिड का रूप ले लेते हैं. यूरिक खून के साथ मिलकर जोड़ों में जमा हो जाता है. कई बार इसकी अधिकता अंगूठे से लेकर घुटनों में गैप पैदा कर देती है. इस स्थिति में जोड़ों में दर्द और सूजन बढ़ जाती है. साथ ही मशरूम, मैकेरल, मटर से लेकर आॅर्गन मीट भी यूरिक एसिड को हाई कर देते हैं. इसकी वजह इनमें भरपूर मात्रा में प्यूरिन पाया जाना है.
जानें क्यों जरूरी है यूरिक एसिड टेस्ट
हेल्थ एक्सपर्टस का दावा है कि यूरिक एसिड के लक्षण न दिखने पर भी यूरिक एसिड टेस्ट कराना जरूरी है. इसकी वजह टेस्ट में यूरिक एसिड का लेवल की जांच की जाती है. इसे पता लगता है कि शरीर में यह लेवल कितनी मात्रा में बन रहा है और कितना फ्लश आउट हो रहा है. इसका ज्यादा बनना और फ्लश आउट होना दोनों ही गंभीर स्थिति हो सकती है. इसकी जांच ब्लड के साथ ही यूरिन से की जा सकती है.
पुरुषों और महिलाओं में यह है यूरिक एसिड का सही लेवल
एक्सपर्ट के अनुसार, महिलाओं और पुरुषों में यूरिक एसिड की मात्रा अलग अलग होती है. महिलाओं में इसकी सही मात्रा 1.5 से 6.0 एमजी डीएल के बीच होती है. जबकि पुरुषों में इसका लेवल 2.5 से 7.0 एमजी डीएल होता है. इसे ज्यादा यूरिक एसिड हाई कैटेगिरी में आता है, जिसे हाइपरयूरिसेमिया कहते हैं.
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