Child Heart Health And Wellness- जिम में वर्कआउट करते समय या डांस करते समय आपने इन दिनों ऐसे कई वीडियो देखे होंगे, जिसमें चलते-फिरते व्यक्ति को हार्ट (Heart Attack News) अटैक आ गया हो. आमतौर पर दिल से जुड़ी शिकायतें बढ़ती उम्र के साथ आती हैं, क्योंकि उम्र साथ बॉडी ऑर्गन्स कमजोर होने लगते हैं और उनकी फंक्शनिंग में समस्या आने लगती है. लेकिन, अब दिल की बीमारियां उम्र के बंधंन से मुक्त हैं.
आजकल कम उम्र के युवाओं, यहां तक की बच्चों में भी हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ (Child Heart Attack) रहे हैं. उत्तर प्रदेश के अमरोहा से ऐसा ही एक परेशान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक निजी स्कूल में पढ़ने वाली यूकेजी (UKG) की छात्रा की हार्ट अटैक से मौत हो गई है.
UKG की छात्रा की Heart Attack से मौत (UKG Student Died Due To Heart Attack)
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्लास में अचानक से बच्ची की तबियत बिगड़ गई. ऐसे में आनन-फ़ानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत की वजह हार्ट अटैक (Heart Attack) बताई गई है. ऐसे में अब ये सवाल उठ रहा है कि बच्चों में आखिर हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं, इसके पीछे की वजह क्या है..
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छोटी उम्र में बच्चे क्यों हो रहे हैं Heart Attack के शिकार? (Causes of heart attack in children)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक छोटी उम्र में हार्ट अटैक आने के लिए कई कारण जिम्मेदार होते हैं. खराब लाइफस्टाइल, तनाव, अनहेल्दी फूड्स का अधिक सेवन करने और बच्चों में बढ़ता मोटापा दिल के कमजोर बना रहा है, इससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा अधिक रहता है. इसके अलावा बॉडी एक्टिविटी में कमी होने से भी हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ता है.
ऐसे में अगर बच्चे को घबराहट हो रही है, तेजी से सांस फूल रहा है, पल्स तेजी से बढ़ रही है या फिर बच्चे को चक्कर आ रहे हैं तो तुरंत मेडिकल जांच कराएं. क्योंकि बच्चों में होने वाली ये परेशानी हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं.
बच्चों में हार्ट अटैक के और क्या कारण हो सकते हैं? (Childhood heart disease)
बता दें कि कुछ बच्चों को जन्म से ही दिल की बीमारियां होती हैं. कई बार मां के गर्भ में ही बच्चा कंजेनाइटल हार्ट डिजीज का शिकार हो जाता है. ऐसी स्थिति में दिल में छेद और कुछ हार्ट डिजीज देखे जाते हैं. इसके कारण बच्चे की हार्ट वॉल्व और वेसल्स पर निगेटिव असर पड़ता है. चिंता की बात ये है कि कई मामलों में पैरेंट्स भी इस बात से अनजान होते हैं कि उनके बच्चे को इतनी खतरनाक बीमारी है.
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बच्चों में हार्ट अटैक के क्या दिखते हैं लक्षण? (Symptoms of heart attack in kids)
बच्चों को हार्ट अटैक के खतरे से बचाए रखने के लिए हर पेरेंट्स को पता होना चाहिए कि हार्ट अटैक के लक्षण कौन-कौन से हैं. अगर बच्चे में ये लक्षण दिखें तो इसे भूलकर भी अनदेखा न करें.
- छोटे बच्चों में हार्ट अटैक होने का कारण होंठों के आस-पास नीले निशान आ जाते हैं.
- इससे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.
- कुछ देर चलते ही बच्चे में सांस फूलना की समस्या हो सकती है.
- बच्चे का शरीरिक विकास नहीं होना
- बच्चे को छाती में दर्द और चक्कर आने की शिकायत हो सकती है.
क्या हैं बचाव के उपाय? ( Heart attack treatment in children)
बच्चों में हार्ट अटैस से बचाव करना है तो सबसे पहले बच्चों में दिखने वाले इन लक्षणों पर ध्यान दें. बच्चों में बढ़ रहा मोटापा इसका एक बड़ा कारण है, इसलिए बच्चे के मोटापा को कंट्रोल करें. वहीं अगर बच्चा घबराहट महसूस कर रहा है, चलने में सांस ज्याद फूल रही है तो ऐसी स्थिति में तुरंत बच्चे को डॉक्टर को दिखाएं. जन्म के समय ही बच्चे के दिल की जांच कराना जरूरी है. इसके अलावा बच्चे को जंक फूड्स आदि से दूर रखें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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