डीएनए हिंदीः आर्थराइटिस यानी गठिया की बीमारी अब उम्रदराज लोगों को नहीं होती बल्कि ये युवाओं और बच्चों में भी तेजी से पफैल रही है. कोविड के बाद से इस बीमारी में और तेजी आई है. हालांकि इसके अलावा इस बीमारी को बढ़ाने में लाइफस्टाइल, जेनेटिक और एंवायरमेंट भी जिम्मेदार बन रहे हैं. हर साल 12 अक्टूबर को वल्ड आर्थराइटिस डे लोगों को जागरुकर करने के लिए मनाया जाता है.
बता दें कि कुछ रिसर्च में ये बात सामने आई है कोविड से ग्रसित लोगों में आर्थराइटिस की समस्या तेजी से बढ़ रही है. तो चलिए जानें अस्टियोऑर्थराइटिस और रुमेटाइड ऑर्थराइटिस के कारण, लक्षण और बचाव के बारे में चलिए आपको बताएं.
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सबसे पहले जान लें आर्थराइटिस का कारण
आर्थराइटिस की बड़ी वजह है खानपान में गड़बड़ी, बढ़ता वजन और आरामतलबी. कुछ बीमारियां भी आर्थराइटिस का कारण बनती हैं, हालांकि कुछ बीमारियां भी इसके लिए जिम्मेदार होती हैं. यूरिक एसिड जब ब्लड में बढ़ता है तो प्रोटीन युक्त चीजें कम खानी चाहिए और विटामिन सी, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन डी और कैल्शियम रिच डाइट लेना चाहिए.
ये लक्षण देते हैं गठिया की शुरूआत की
- अचानक से जोड़ों में जकड़न होने लगे या उसमें टबकन या दर्द महसूस हो
- उठने-बैठने के दौरान घुटनों में चरमराहट की आवाज आना
- उठते-बैठते या चलते समय घुटनों में दर्द महसूस होना
- जोड़ों में सूजन का नजर आना
- पैर की उंगलियों या अंगूठे में दर्द का होना
- जोड़ों का लाल होना या जलन महसूस होना
- बहुत जल्दी थक जाना या कमजोरी महसूस होना
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कैसे करें आर्थराइटिस से बचाव
- सबसे पहले प्रोटीन युक्त डाइट कम करें.
- सप्ताह में दो बार फिश खाएं जैसे सॉलमन
- विटामिन सी, डी और ई युक्त चीजें अधिक से अधिक खाएं
- रोज एक्सर्साइज जरूर करें ताकि फ्लेक्सबिलिटी बनी रहे.
- ओमेगा-3, कैल्शियम रिच डाइट लें
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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