डीएनए हिंदी: यूरिक एसिड की समस्या आम हो चली है. बुजुर्ग से लेकर युवा तक तेजी से इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं. यूरिक एसिड के हाई होते ही गठिया का डर बढ़ जाता है. इसे जोड़ों में दर्द सूजन के साथ किडनी में प्यूरिन की पथरी बन जाती है. ऐसी स्थिति में अगर आप एलोपेथी की दवाई नहीं लेना चाहते हैं तो सफेद जामुन आपके लिए संजीवनी साबित हो सकता है. पानी और भरपूर से फाइबर से भरा यह फल किडनी में जमा पथरी को पिघलाकर बाहर कर देगा. इतना ही नहीं जोड़ों का दर्द और सूजन में भी आराम मिल सकता है. आइए जानते हैं कैसे करें इस फल का इस्तेमाल और फायदे...
यूरिक एसिड में सफेद जामुन के फायदे
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पानी से भरपूर है ये फल
सफेद जामुन पानी से भरपूर फलों में से एक हैं. यह शरीर में प्रोटीन मेटाबोलिज्म को बूस्ट करता है. साथ ही बॉडी में यूरिक एसिड को जमा नहीं होने देता. इसके नियमित सेवन पर प्यूरिन की पथरियां पिघलकर पेशाब के रास्ते बाहर हो जाती है.
एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर है ये फल
यह फल एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है. इसके नियमित सेवन से यूरिक एसिड नहीं बढ़ पाता. ऐसी स्थिति में गाउट की समस्या भी नहीं हो पाती. वहीं इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण हड्डियों में जमा प्यूरिन की वजह से होने वाले दर्द और सूजन से बचाते हैं. यही वजह है कि ये फल सेहत के लिए किसी रामबाण इलाज से कम नहीं है.
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फाइबर से भरपूर फल
यूरिक एसिड हाई होने की एक वजह धीमा मेटाबोलिज्म है. इसी की वजह से प्यूरिन फ्लश आउट होने की जगह एकत्र होता है. इसके टूटते ही यूरिक एसिड बन जाता है, जो खून के साथ मिलकर जोड़ों में जम जाता है. ऐसे में फाइबर से भरपूर सफेद जामुन गाउट की समस्या को होने से रोकता है. इसके अलावा ये मल में थोक जोड़ने का काम करता है. इसे शरीर में मौजूद प्यूरिन बाहर आ जाता है. साथ ही जोड़ों के दर्द और सूजन से आसानी से आराम मिल जाता है.
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(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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