डीएनए हिंदी: भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के हर नागरिक को कोरोनाकाल का समय एक बुरे सपने के रूप में लंबे समय तक याद रहेगा. इस भयंकर वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाया गया और बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया. लेकिन, पिछले एक दो-सालों में हार्ट अटैक के कारण अचानक हो रही मौतों की संख्या बढ़ गई है, जिसके कारण लोगों के मन में ये सवाल उठने लगा कि कहीं वैक्सीन इसके पीछे की वजह तो नहीं है. इस वजह (Sudden Death In Country) से देश के वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर ही सवाल खड़े होने लगे. हालांकि भारतीय (Death After Covid) चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की एक स्टडी सामने आई है, जिसमें यह कहा गया है कि देश में अचानक हो रही मौतों का कोविड वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
क्या है आईसीएमआर की स्टडी
आईसीएमआर ने बताया कि देश में अचानक हो रही मौतों का कारण कोरोना वैक्सीन नहीं है. बता दें कि आईसीएमआर ने मौतों के अन्य कारणों पर प्रकाश डाला और स्टडी का हवाला देते हुए युवाओं में अचानक मौत के जोखिम की असल वजह बताई है. इस स्टडी में कहा गया है कि कोविड की वजह से अस्पताल में भर्ती होने का इतिहास, अचनाक मौत का पारिवारिक इतिहास, मौत से पहले 48 घंटे तक शराब का सेवन, ड्रग्स लेना या फिर मौत से 48 घंटे पहले जबरदस्त एक्सरसाइज करना ये सभी कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जिनकी वजह से अचानक मौत का खतरा बढ़ जाता है.
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स्टडी में किसे किया गया शामिल?
आईसीएमआर की ये स्टडी को 1 अक्टूबर, 2021 से लेकर 31 मार्च, 2023 तक किया गया था और इसमें देशभर के 47 अस्पतालों को शामिल किया गया. इसके अलावा इस स्टडी के लिए 18 से 45 साल की उम्र के उन लोगों को शामिल किया गया, जो पूरी तरह से स्वस्थ थे और कोई भी किसी पुरानी बीमारी से नहीं जूझ रहा था. बता दें कि स्टडी में पता चला कि जिन लोगों ने वैक्सीन की दो डोज ली थी, उनमें अचनाक होने वाली मौत का खतरा बहुत ही कम था.
स्टडी में क्या प्रमुख जानकारी मिली?
स्टडी में बताया गया है कि वैक्सीन की वजह से अचानक होने वाली मौत के साथ कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा बताया गया है कि अगर किसी ने वैक्सीन की कम से कम एक डोज ली है तो उस पर कोरोनावायरस से होने वाली मौत का खतरा कम हो जाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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