जानिए बॉर्डरलाइन डायबिटीज क्या होती है और अगर महसूस हो ये लक्षण तो हो जाएं सावधान वरना बढ़ सकता है खतरा

Written By मनीष कुमार | Updated: Mar 01, 2023, 06:09 PM IST

Borderline Diabetes एक ऐसी स्थिति होती है जहां शुरुआत में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते पर कुछेक संकेतों के जरिए इसकी पहचान की जा सकती है.

डीएनए हिंदी: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने के कारण होती है. डायबिटीज एक लाइफस्टाइल बीमारी होने के कारण, बॉर्डरलाइन डायबिटीज यानी पूर्व स्थिति में इसे पहचानना महत्वपूर्ण है. बॉर्डरलाइन डायबिटीज जिसे प्री-डायबिटीज स्टेज भी कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जिसमें मधुमेह के शुरुआती लक्षण होते हैं लेकिन यह मधुमेह यानी डायबिटीज की शुरुआत से पहले होती है. आमतौर पर यह उन लोगों में देखी जाती है जो बिना कुछ सोचे समझ ज्यादा और असंतुलित खाने-पीते हैं, शारीरिक व्यायाम नहीं करते हैं. इस वजह से डायबिटीज का खतरा बढ़ने लगता है जो आपकी जिंदगी के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. आज हम आपको विस्तार से बताएंगे कि  बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्षण कैसे होते हैं और आप किस तरह से खुदको   डायबिटीज होने से बचा सकते हैं.

बॉर्डरलाइन मधुमेह के लक्षण और संकेत

बॉर्डरलाइन डायबिटीज  एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके शरीर में इंसुलिन उत्पादन कम हो जाता है या फिर इंसुलिन का उपयोग अधिक होने लगता है जिससे शुरुआती मधुमेह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. इसका मतलब है कि यह एक सामान्य रूप से मधुमेह की शुरुआत है, लेकिन समय रहते अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में सुधार करके आप इसे होने से रोक सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अगर लाइफस्‍टाइल में बदलाव ना किया जाए तो बॉर्डरलाइन डायबिटीज वाले करीब 15 से 40 प्रतिशत लोग 2 से 5 साल के अंदर ही डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं. आइए बॉर्डरलाइन डायबिटीज के लक्षण और कारणों के बारे में जानते हैं.

बॉर्डरलाइन डायबिटीज के संकेत

आंखों में धंधलापन 
डायबिटीज का सबसे बढ़ा कारण होता है ब्लड में शुगर लेवल का बढ़ना. मीठा हम सभी को खाना पसंद है लेकिन यही मीठा धीरे-धीरे आपकी आंखों की रोशनी को कमजोर बना देता है. बॉर्डरलाइन डायबिटीज में ज्यादातर लोगों की आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है उन्हें शुरुआत में धुंधला दिखाई देने लगता है फिर धीरे-धीरे आंखों पर चश्मा लग जाता है.

थकान होना
बॉर्डरलाइन डायबिटीज की चपेत में आने वाले लोगों में अक्सर बेवजह थकान की शिकायत पाई गई है. लोगों को कहना होता है कि उनको बिना कुछ काम किए पूरे दिन सुस्ती और कमजोरी महसूह होती है.

ब्लड प्रेशर 
अगर किसी का व्यक्ति का ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल का अचानक से बढ़ जाए तो उन्हें समझना चाहिए कि यह बॉर्डरलाइन डायबिटीज के होने का संकेत है. हाई ब्लड प्रेशर से अक्सर चक्‍कर, गुस्सा, थोड़ी देर चलने से या कुछ सीढियां चढ़ने उतने से सांस फूलना और पसीना आता है. अगर बीपी को कंट्रोल ना किया जाए तो इससे स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है.

अचानक वेट बढ़ना
वैसे तो थायरॉयड में भी वेट बढ़ने की समयस्या होती है लेकिन अगर आपको थायरॉयड की समस्या नहीं है उसके बावजूद भी आपको लगता है कि आपका वेट सही डाइटिंग के बाद भी बढ़ रहै है तो हो सकता है आप जिस डाइट को फोलो कर रहें हो उसमें शुगर कॉन्टेंट ज्यादा हो. शुगर का का मतलब यहां केवल चीनी से ही नहीं है हम जो कुछ भी खाते हैं उस खाने में भी शुगर की मात्रा होती है जैसे फ्रूट्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फैट, जंक फूड आदि. 

हाथ-पैरों में झुनझुनाहट या दर्द महसूस होना
शरीर में जैसे-जैसे खून में शर्करा की मात्रा बढ़ने लगती है तो इससे हमारी नसें कमजोर होना शुरू हो जाती हैं. हमारे शरीर में सैकेड़ों छोटी-बड़ी नसें होती हैं जिनमें खून के माध्यम से हर बॉडी पार्ट को काम करने के लिए आवश्यक शक्ति मिलती है. ठीक वैसे ही जैसे किसी रोबोट में तारों के माध्यम से बिजली पहुंचती है. अगर किसी वजह से कोई तार डैमेज हो जाए तो जहां तार खराब हो जाती है तो वो हिस्सा या तो बंद हो जाता है या तब तक ठीक से काम नहीं करता जबतक कि वहां तारों को बदला ना जाए. रोबोट में नसों रूपी तारों को बदलना आसान है लेकिन हमारे शरीर में कई ऐसी नसें होती हैं जो एक बार डैमेज हो जाए तो दोबारा ठीक नहीं हो सकती. ऐसी स्थित में आपको शुरुआत में झुनझनाहट महसूस होगी जो अक्सर खून जमने से या खून के मोटे(jelly blood) होने के कारण होती है. अगर आपने इसको अनदेखा किया तो धीरे-धीरे झुनझुनाहट वाली जगह सुन्न हो जाएगी और वहां कि नसें डैमेज भी हो सकती है. इसलिए आपको अगर कोई भी संकेत महसूस हो तो आप अपने डॉक्टर से एक बार जरूर बात करें और जरूरत पड़े तो अपना शुगर लेवल का टेस्ट भी करवाएं

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बॉर्डरलाइन डायबिटीज के कारण:

वजन: अधिक वजन रखने वाले लोगों में बॉर्डरलाइन डायबिटीज का खतरा अधिक होता है
इंसुलिन: शरीर के अंदर इंसुलिन हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनना
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस): पीसीओएस वाली महिलाओं में बॉर्डरलाइन मधुमेह विकसित होने का खतरा अधिक होता है.
स्लीप डिसऑर्डर: स्लीप एपनिया और अन्य स्लीप डिसऑर्डर इंसुलिन प्रतिरोध और बॉर्डरलाइन डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकते हैं.
अन्य चिकित्सीय कारण: कुछ मेडिकल कंडिशन जैसे हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग आदि बॉर्डरलाइन डायबिटीज के जोखिम को बढ़ा सकती हैं.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कुछ लोगों को बॉर्डरलाइन डायबिटीज हो सकता है भले ही उनमें इनमें से कोई भी जोखिम कारक न हो. इसलिए किसी भी संभावित स्वास्थ्य समस्या का जल्द से जल्द पता लगाने के लिए नियमित जांच-पड़ताल करवाना और ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करना जरूरी है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 

 

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