Creatinine Increasing: क्रिएटिनिन क्या है, जिसका बढ़ना आपकी किडनी के लिए खतरे की घंटी है?

ऋतु सिंह | Updated:Mar 23, 2024, 06:40 AM IST

शरीर में क्रिएटिनिन का बढ़ना और गिरना क्या है?

शरीर में क्रिएटिनिन का बढ़ना और घटना (What is Rise and Fall of Creatinine) क्या है? इसका किडनी (Kidney) से क्या संबंध है और इसे बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है?

किडनी शरीर का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है. क्योंकि किडनी शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार होती है. यह आपके खून को 24 घंटे फिल्टर करता रहता है. यदि किडनी ठीक से काम नहीं कर रही है, तो आपको अपने शरीर में रक्त को साफ करने के लिए लगातार डायलिसिस से गुजरना होगा. यानी खून को मशीन की मदद से साफ किया जाता है.

अब चूंकि किडनी आपके शरीर का अहम हिस्सा है तो इसकी देखभाल भी उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए. किडनी फेल होना शुरू हो गया है, इसके शुरुआती लक्षण नहीं दिख रहे हैं. लेकिन समय रहते परीक्षण से इसका पता लगाया जा सकता है. इसे सीरम क्रिएटिनिन टेस्ट कहा जाता है. डॉक्टर से जानें शरीर में क्रिएटिनिन का बढ़ना और घटना क्या है? इसका किडनी से क्या संबंध है और इसे बढ़ने से कैसे रोका जा सकता है?

 
क्रिएटिनिन क्या है और इसके बढ़ने का कारण क्या है?
क्रिएटिन एक प्रकार का प्रोटीन है. हमारे शरीर की मांसपेशियाँ इस प्रोटीन को बनाती हैं. क्रिएटिनिन इसका अपशिष्ट उत्पाद है. गुर्दे इसे छानकर शरीर से निकाल देते हैं. जब किडनी काम करना बंद कर देती है तो यह क्रिएटिनिन हमारे शरीर में जमा होने लगता है. ऐसा भी हो सकता है कि किसी कारणवश शरीर में क्रिएटिनिन अधिक मात्रा में बनने लगे. जैसे कि मांसपेशियों में चोट लगने से. कई मरीज़ ऐसे आते हैं जिनके साथ दुर्घटना हुई हो या जो बहुत अधिक व्यायाम करते हों. भारोत्तोलकों के समान, ऐसे लोगों को मांसपेशियों में चोट लगने की संभावना होती है. शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ता है. शरीर में क्रिएटिनिन का सामान्य स्तर 0.9 से 1.2 होता है. क्रिएटिनिन को समझना बहुत जरूरी है क्योंकि अगर यह बढ़ जाए तो सबसे पहला सवाल यही उठता है कि क्या किडनी की कार्यक्षमता कम हो गई है. इसलिए अगर इसका लेवल 1.2 से ज्यादा हो तो किडनी डॉक्टर से जरूर सलाह लें.
 
दूसरे, जिन लोगों को मधुमेह या रक्तचाप की समस्या है या गुर्दे में पथरी है. ऐसे लोगों की किडनी भी प्रभावित हो सकती है और क्रिएटिनिन का स्तर बढ़ सकता है. अगर ऐसा है और आप अपने शुगर या ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करते हैं और समय रहते डॉक्टर से सलाह लेते हैं, तो किडनी ठीक हो सकती है.
 
बचाव
शुगर को नियंत्रण में रखें. जीवनशैली में बदलाव करें. दैनिक व्यायाम. भोजन में नमक का प्रयोग कम करें. इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहेगा. जंक फूड, स्ट्रीट फूड और सफेद ब्रेड मधुमेह के जोखिम कारक हैं. इससे कम उम्र में ही डायबिटीज की समस्या हो जाती है. मधुमेह और उच्च रक्तचाप ख़राब जीवनशैली की समस्याएँ हैं. इसका असर किडनी पर पड़ता है. इन कारणों से भी होती है किडनी स्टोन की समस्या.
मराठी
 
स्वस्थ किडनी का मतलब है स्वस्थ आप. इसलिए डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें और साल में एक बार अपना किडनी फंक्शन टेस्ट करवाएं.
 

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