आजकल की खराब जीवनशैली, गड़बड़ खानपना, फिजिकल एक्टिविटी (Bad Lifestyle) की कमी और एक ही जगह पर घंटों बैटे रहने की आदत की वजह से लोग कई (Lifestyle Diseases) तरह की गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. आमतौर पर वर्किंग लोग ऑफिस (Office) में पूरा दिन बैठे रहते हैं. इसके अलावा वर्क फ्रॉम होम में या फिर खाली समय में घर में फोन और टीवी देखते हुए भी लोग घंटों बैठे रहते हैं.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक ही जगह पर घंटों बैठे रहने के कारण ओवरऑल हेल्थ पर खतरनाक असर पड़ता है. इसके कारण आपको डेड बट सिंड्रोम (Dead Butt Syndrome DBS) या ग्लूटियल एम्नेसिया की बीमारी हो सकती है.
क्या है Dead Butt Syndrome (DBS)?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डेड बट सिंड्रोम, या फिर ग्लूटियल एम्नेसिया की स्थिति तब होती है जब लंबे समय तक बैठने या हरकत की कमी के कारण ग्लूटियल मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं या फिर ठीक तरह से काम नहीं करती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये मांसपेशियां कूल्हों और श्रोणि को स्थिर करने में अहम भूमिका निभाती हैं, जिससे उचित मुद्रा या फिर हरकत में मदद मिल सकती है.
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ऐसे में जब वे ठीक से एक्टिव नहीं होती हैं तो इस स्थिति में वे अपना काम ठीक से नहीं कर पाती हैं, जिससे शरीर में असंतुलन पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है.
क्या हैं इस बीमारी के मुख्य कारण
इस बीमारी का मुख्य कारण एक गतिहीन लाइफस्टाइल है और इस स्थिति में लंबे समय तक बैठे रहने से ग्लूट मांसपेशियां कमज़ोर होने लगती हैं. इसके अलावा और भी कई कारण हैं. आइए जानते हैं इन कारणों के बारे में...
खराब पोश्चर- बता दें कि खराब मुद्रा में बैठने से पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों पर गंभीर रूप से दबाव पड़ता है, जिससे ग्लूट्स और भी कमजोर होने लगते हैं.
कम एक्सरसाइज- ग्लूट्स को लक्षित करने वाले व्यायाम न करने से समय के साथ भी मांसपेशियों में कमजोरी आने लगती है.
मांसपेशियों में असंतुलन: कोई भी एक्सरसाइज या गतिविधि के दौरान अपने ग्लूट्स के बजाय हिप फ्लेक्सर्स और पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर अधिक निर्भर रहना मांसपेशियों के असंतुलन का कारण बनता है.
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डेड बट सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?
- दर्द या बेचैनी
- कूल्हों में जकड़न
- सुन्नपन या झुनझुनी
- ग्लूट में कमजोरी
कैसे करें बचाव
बता दें कि जीवनशैली में बदलाव कने के साथ अपने ग्लूट को सक्रिय रखने के लिए एक्सरसाइज और व्यायाम करके डेड बट सिंड्रोम को रोका जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि आप काम के बीच बीच में ब्रेक लें, ग्लूट-एक्टिवेटिंग एक्सरसाइज करें, ठीक तरीके से बैठे, स्टैंडिंग डेस्क का उपयोग करें. इससे आपको इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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