Diabetic Retinopath: क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी? शुगर मरीजों में तेजी से बढ़ रही ये बीमारी, जानें लक्षण

Written By Abhay Sharma | Updated: Jan 15, 2024, 10:50 AM IST

Diabetic Retinopath

Diabetic Retinopathy के कारण इसकी वजह से वयस्कों के आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगती है. ऐसे में ये लक्षण दिखें तो भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

डीएनए हिंदी:  डायबिटीज यानी मधुमेह एक ऐसी गंभीर समस्या है, जिसका कोई सटीक इलाज नहीं है. इसे केवल लाइफस्टाइल और खानपान में सुधार कर कंट्रोल में रखा जा सकता है. बता दें कि डायबिटीज की समस्या के आजकल कम उम्र के लोग भी शिकार हो रहे हैं और यह एक सामान्य (Diabetic Retinopathy) स्वास्थ्य स्थिति बनती जा रही है. डायबिटीज में न केवल शुगर लेवल बढ़ता है, बल्कि इसकी वजह से कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, इन्हीं में से एक है डायबिटिक रेटिनोपैथी. बता दें कि इसकी वजह से वयस्कों के आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगती है. आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बता रहे हैं कि रेटिनोपैथी क्या है और (Diabetic Retinopathy Causes) इसका डायबिटीज से क्या कनेक्शन है...

क्या है डायबिटिक रेटिनोपैथी
 
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक डायबिटिक रेटिनोपैथी रेटिना यानी आंख के पीछे की नर्व लेयर की एक बीमारी है. दरअसल मधुमेह आंखों में ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचाता है और आंख जैसे लिविंग टिशूज को फंक्शन करने के लिए ब्लड वेसेल्स की जरूरत होती है. यह बीमारी आमतौर पर उन लोगों को ही होता है, जो सालों से डायबिटीज से ग्रस्त होते हैं और यह आमतौर पर डायबिटीज के कारण रेटिना की रक्तवाहिकाएं क्षतिग्रस्त होने के परिणामस्वरूप होता है. 

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डायबिटिक रेटिनोपैथी के कारण क्या हैं

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अनियंत्रित और अनट्रीटेड डायबिटीज वाले लोगों में डायबिटिक रेटिनोपैथी के विकसित होने की संभावना काफी ज्यादा होती है. इसके अलावा स्क्रीनिंग या नियमित आई टेस्ट की कमी भी इसका एक कारण होती है. बता दें कि आमतौर पर डायबिटिक रेटिनोपैथी कोई डैमेज नहीं पहुंचाता, लेकिन कई बार इसकी वजह से मरीज अपनी आंखों की रोशनी पूरी तरह से खो सकता है. इससे कई बार दर्द इतना ज्यादा बढ़ सकता है कि आंखें निकालने की नौबत भी आ सकती है.

क्या हैं इसके लक्षण

बता दें कि बहुत से लोगों को डायबिटिक रेटिनोपैथी के शुरुआती दौर में कोई लक्षण नजर नहीं आते और कुछ लोगों को शुरुआत में हल्के विजन की समस्याओं का अनुभव हो सकता है. इस स्थिति में अगर शुरुआती स्तर पर ही उपचार न मिले तो यह अंधेपन का कारण बन सकता है. बता दें कि मेयो क्लिनिक के मुताबिक, जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है उस मरीज में ये लक्षण विकसित हो सकते हैं.

  • विजन से तैरते धब्बे या काले तारों का नजर आना
  • धुंधली दृष्टि होना 
  • अस्थिर दृष्टि होना
  • विजन में अंधेरापन आना
  • आंखों की रोशनी का नुकसान होना

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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