E-Cigarette बन सकता है Lung Cancer का कारण, जागरूकता है जरूरी: एक्सपर्ट

Written By Abhay Sharma | Updated: Jul 06, 2024, 12:41 PM IST

 ई-सिगरेट के नुकसान 

E Cigarette के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक होना बहुत ही जरूरी है, अगर इसकी लत को समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो यह लोगों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है...

भारत समेत दुनिया भर में फेफड़ों के कैंसर यानी लंग कैंसर (Lung cancer) से मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है और ये बीमारी तेजी से अपना पैर पसार रही है. लोगों में लंग कैंसर होने का सबसे बड़ा कारण तंबाकू (Smoking) और स्मोकिंग है. साथ ही लोगों में बढ़ रही ई-सिगरेट (E Cigarette) की लत भी इस गंभीर बीमारी को न्योता दे रही है. हालांकि जन स्वास्थ्य के हित में भारत सरकार ने सितंबर 2019 में इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट यानी ई-सिगरेट पर बैन (E Cigarette Ban) लगा दिया था. लेकिन, बैन के बावजूद अवैध रूप से ई-सिगरेट की बिक्री के कई मामले सामने आए हैं...

ई-सिगरेट पर बात करते हुए PSRI इंस्टीट्यूट ऑफ पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन के अध्यक्ष Prof GC Khilnani  ने कहा कि ई-सिगरेट (E Cigarette Side Effects) के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूक होना बहुत ही जरूरी है, अगर इसकी लत को समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया तो यह लोगों के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है...

क्या है E Cigarette

साल 2019 में सरकार ने ई-सिगरेट के अलावा उन सभी उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम (ENDS) के तहत आते हों. इनमें वेप्स, ई-हुक्का या ई-सिगार आदि शामिल हैं. बता दें कि  ई-सिगरेट बैटरी पर चलने वाली सिगरेट है. 


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इसमें निकोटिन का सॉल्यूशन गर्म होकर भाप के रूप में पीने वाले के फेफड़ों में जाती है. ये पेन या USB ड्राइव जैसे दिखते हैं. भारत में ENDS उत्पादों को बनाने और बेचने वाली कंपनियों ने यह दावा किया था कि उनके उत्पाद पारंपरिक उत्पादों के बदले कम हानिकारक हैं. 

युवाओं में बढ़ रही E Cigarette की लत

Prof GC Khilnani ने चिंता जाहिर करते हुए बताया कि यूरोप के कई देशों समेत अमेरिका में करीब 12.5% स्कूली बच्चे ई-सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं. भारत में खासतौर से मेट्रो शहरो में युवा इस मामले में पीछे नहीं है. आजकल 'वेप पार्टियों' में इसका इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा है, जो वास्तव में एक खतरनाक परिदृश्य है.


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E Cigarette दे सकता है कैंसर

Prof GC Khilnani  ने आगे कहा कि ICMR द्वारा प्रोफेसर SK Reddy की अध्यक्षता में एक समिति गठित (जिसका मैं भी सदस्य था) की गई थी, इस समिति ने E Cigarette से होने वाले हानिकारक प्रभावों के वैज्ञानिक प्रमाणों का विवरण देते हुए एक वाइट पेपर जारी किया था. बता दें कि धूम्रपान, तंबाकू, गुटका, बीड़ी, सिगरेट और ई-सिगरेट के उपयोगकर्ताओं में फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जरूरी है कि आप इनसे दूरी बना कर रखें... 

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