हर साल लाखों गधों को मारकर चीन बना रहा Ejiao, जानें किस काम आती है इससे बनने वाली दवा

Written By Abhay Sharma | Updated: Feb 20, 2024, 10:06 PM IST

Ejiao Or Donkey Hide Gelatin

Donkey Skin Trade: चीन समेत अन्य कई देशों में बड़ी संख्या में गधों को मारकर उनकी खाल को बेचा जा रहा है. इनके खाल से निकलने वाले जिलेटिन का इस्तेमाल खास तरह की दवाओं में किया जाता है...

चीन में गधों की आबादी तेजी से कम हो रही है, इसके अलावा कई अन्य देशों में भी बड़ी संख्या में गधों को मारकर उनकी खाल को बेचा जा (Donkey Skin Trade) रहा है. ब्रिटेन की संस्था ‘द डंकी सेंचुरी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल करीब 59 लाख गधों का मार (Donkey Hide Gelatin) दिया जाता है. इसके पीछे की बड़ी वजह है इनकी खाल में मौजूद जिलेटिन (Gelatin). दरअसल जिलेटिन से बने पारंपरिक औषधीय (Ejiao) उपचार की काफी मांग है और इसकी अपूर्ति के लिए हर साल करीब 59 लाख गधों को मार दिया जाता है. आइए जानते हैं जिलेटिन (Gelatin Uses) का इस्तेमाल किस तरह की दवाओं को बनाने में किया जाता है. 

जिलेटिन से बनती है ये खास दवा 
 
दरअसल गंधों की खाल से निकले जिलेटिन जिसे एजियो (Ejiao) भी कहा जाता है, चीन में तमाम पारंपरिक दवाईयों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. खासतौर से यौनवर्धक, पौरुष शक्ति और ताकत बढ़ाने वाली दवाईयों में इसका इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा एनीमिया से लेकर स्किन केयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स तक में एजियो का इस्तेमाल होता है. चीन में चाय से लेकर खानपान की कई वस्तुओं में भी  एजियो का इस्तेमाल किया जाता है.


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कैसे बनता है एजियो

एजियो गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन से बनता है. इसके बाद जब खाल से इसे निकाल लिया जाता है तो इसे गोलियों या तरल रूप में दूसरी चीजें मिलाकर प्रोड्यूस किया जा सकता है या फिर उत्पाद का रूप दिया जाता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन में एजियो की भारी डिमांड है, लेकिन सप्लाई लिमिटेड ही है. ऐसे में पाकिस्तान जैसे देशों से बड़ी संख्या में गधों की सप्लाई चीन में होती है. 


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क्या है इसका दूसरा विकल्प

वैज्ञानिकों का कहना है कि ‘सेलुलर कृषि’ नामक प्रक्रिया का उपयोग कर गधे से मिलने वाले कोलेजन को कृत्रिम तौर पर लैब में भी तैयार किया जा सकता है. ऐसे में डंकी सेंक्चुरी समेत कई अन्य संस्थाएं एजियो प्रोड्यूस करने वाली कंपनियों से इस संबंध में बात कर रही हैं, लेकिन अभी तक इसमें कोई सफलता नहीं मिली है और चीन में लगातार गधों का मारकर इस दवा को तैयार किया जा रहा है. 

Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.

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