लोगों में आजकल खराब लाइफस्टाइल और गड़बड़ खानपान के कारण फैटी लिवर (Fatty Liver) की समस्या तेजी से बढ़ रही है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फैटी लिवर, लिवर से जुड़ी एक सीरियस प्रॉब्लम (Fatty Liver Disease) है और इससे लिवर का फंक्शन प्रभावित होता है. इतना ही नहीं, सही समय पर अगर इसका इलाज न मिले तो मरीज का लिवर काम करना बंद कर देता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शरीर में फैटी लिवर (Fatty Liver Symptoms) की समस्या होने पर कई तरह के लक्षण नजर आने लगते हैं. ऐसे में अगर समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर इसका इलाज शुरु कर दिया जाए तो इस समस्या को और गंभीर होने से रोका जा सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में...
क्या है फैटी लिवर (What Is Fatty Liver)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फैटी लिवर एक मेडिकल कंडीशन है, जिसमें लिवर में फैट जमा हो जाता है और इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण खराब जीवनशैली और गड़बड़ खानपान है. बता दें कि फैटी लिवर की समस्या मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है, पहला एल्कोहल फैटी लिवर और दूसरा नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर.
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फैटी लिवर के आम लक्षण (Fatty Liver Symptoms)
- फैटी लिवर की प्रॉब्लम में पेट की ऊपर दाहिने ओर दर्द हो सकता है.
- इससे भूख कम होने लगती है और कुछ लोगों का वजन भी तेजी से गिरने लगता है.
- ऐसी स्थिति में आंखों का रंग पीला होने लगता है.
- साथ ही पैरों में हल्की सूजन बनी रहती है.
- हर वक्त थकान और कमजोरी की समस्या हो सकती है
फैटी लिवर के 4 स्टेज (Stage Of Fatty Liver)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फैटी लिवर के चार स्टेज होते हैं, जिसमें से पहला स्टेज है सिंपल फैट डिपॉजिशन, जिसे स्टेटोजिज (Steatosis) भी कहते हैं, दूसरा है नॉन एल्कॉहलिक स्टेटोहेपेटाइटिस, जिसे (Non-Alcoholic Steatohepatitis, NASH) कहा जाता है, तीसरा है लिवर सेल डैमेज, जिसे फिब्रोसिस (Fibrosis) भी कहते हैं और चौथा है लिवर सेरॉसिस (Liver Cirrhosis) जिसमें लिवर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है और ये स्थिति सबसे ज्यादा गंभीर और खतरनाक होती है.
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फैटी लिवर से बचाव के उपाय (Fatty Liver Treatment)
फैटी लिवर से बचाव के लिए वसा रहित या कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं. साथ ही अपने आहार में ताजे फलों और सब्जियों को जगह दें और उच्च कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन न करें. इसके अलावा कार्ब्स, तली हुई चीजें, वाइट ब्रेड, ज्यादा नमक, रेड मीट के सेवन करने से बचें. इसके लिए मोनोअनसैचुरेटेड फैट्स, व्हेय प्रोटीन, और ग्रीन टी जैसे खाद्य पदार्थ को डाइट में शामिल करें और हरी सब्जियां, अखरोट, जैतून का तेल, लहसुन, मेवे, फलियां, जामुन और अंगूर का सेवन बढ़ाएं.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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