क्या है दिमाग खाने वाला कीड़ा Naegleria Fowleri? जिसने ले ली 5 साल की बच्ची की जान

Written By Abhay Sharma | Updated: May 22, 2024, 05:29 PM IST

Brain-Eating Amoeba

Brain-Eating Amoeba: केरल में नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria Fowleri) यानी 'दिमाग खाने वाले अमीबा' से होने वाला दुर्लभ संक्रमण के कारण एक 5 साल की बच्ची की मौत हो गई है..

केरल से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां एक दुर्लभ संक्रमण के कारण एक 5 साल की बच्ची की मौत हो गई. दरअसल बच्ची को नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria Fowleri) यानी 'दिमाग खाने वाले अमीबा' से होने वाला दुर्लभ संक्रमण था और बच्ची का PAM (Primary Amoebic Meningoencephalitis) के लिए इलाज चल रहा था. 

बता दें कि यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी इस संक्रमण ने कई लोगों की जान ली है. दिमाग खाने वाले यह अमीबा सभी महाद्वीपों में मिल चुका है और भारत समेत 16 से ज्यादा देशों में यह PAM की वजह घोषित हुआ है. आइए जानते हैं क्या है Naegleria Fowleri और क्या है इसका इलाज... 

लोकल नदी में नहाने से हुई संक्रमित

बताया जा रहा है कि बच्ची एक लोकल नदी में नहाते समय संक्रमित हुई. हालांकि 1 मई को उसके साथ चार और बच्चे भी नदी में नहाने गए थे लेकिन सिर्फ इसी में लक्षण दिखे. बाकी बच्चे टेस्ट में नेगेटिव रहे. 

क्या है Naegleria Fowleri?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria Fowleri) को दिमाग खाने वाला कीड़ा अमीबा (कीड़ा) कहा जाता है. यह नाक के रास्ते दिमाग में घुस जाता है और धीरे-धीरे यह दिमाग को खत्म कर देता है, जिसके कारण मरीज की मौत हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह दिमाग में पहुंचता है और टिश्‍यू को नष्‍ट करना शुरू कर देता है. इससे दिमाग में सूजन पैदा होती है.

बता दें कि यह कीटाणु गर्म तापमान पसंद करता है और झील, नदियों के गुनगुने पानी, गर्म पानी के तालाब, स्विमिंग पूल, नल के पानी, पानी के हीटर और झील-तालाब के तले की मिट्टी में हो पाए जाते हैं. इससे संक्रमित होने के 1 से 12 दिन के बीच लक्षण दिखने शुरू हो सकते हैं. 

जान लें ये लक्षण

इसके लक्षणों में शुरुआती स्टेज में सिरदर्द, बुखार, मतली और उल्टी की समस्या हो सकती है. बाद में मरीज की गर्दन में अकड़न हो सकती है और भ्रम, सीजर्स या हैलुसिनेशंस भी हो सकते हैं. इस स्थिति में मरीज कोमा की स्थिति में भी जा सकता है. 

क्या है इलाज

हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि PAM से पीड़ित अधिकतर लोग लक्षणों की शुरुआत के 1 से 18 दिनों के भीतर ही जान चली जाती है. इस स्थिति में आमतौर पर 5 दिन बाद मरीज कोमा में चला जाता है या उसकी मौत हो जाती है. बता दें कि अभी तक इस बीमारी का कोई प्रभावी इलाज नहीं मिल पाया है.

लेकिन Amphotericin B, Azithromycin, Fluconazole, Rifampin, Miltefosine, और Dexamethasone जैसी दवाओं के कॉम्बिनेशन से मरीजों का इलाज किया जाता है और इसके लक्षणों को कम करने की कोशिश की जाती है. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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