अक्सर कई लोगों को नए फुटवियर पहनने से नेल्स में दर्द या इंफेक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है. इसलिए जैसे बाल और चेहरे का ध्यान देते हैं वैसे ही हाथ और पैर के नाखूनों का (Nail Fungus) भी खास ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक नाखूनों पर दिखने वाला पीलापन, खुरदुरापन फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) का संकेत हो सकता है.
बता दें कि कुछ लोगों को नाखूनों में फंगल इंफेक्शन (Fungal Nail Infection) होने का खतरा अधिक होता है, इनमें डायबिटीज (Diabetes) यानी शुगर के मरीज, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग और अपने हाथ पैरों की स्वच्छता का ध्यान न रखने वाले लोग शामिल हैं.
क्या होता है नेल्स फंगल इंफेक्शन (What Is Fungal Nail Infection)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक नाखूनों में फंगल संक्रमण एक सामान्य स्थिति है और ये समस्या नाखून की नोक के नीचे एक सफेद या फिर पीले धब्बे के रूप में शुरू होती है. ऐसे में जब जैसे- जैसे यह संक्रमण गहरा होता जाता है,नाखूनों का रंग फीका पड़ने लगता है, नाखून मोटे हो जाते हैं और कई बार किनारे पर से उखड़ भी सकते हैं. कुछ लोगों के लिए यह समस्या गंभीर बन जाती है.
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ऐसी स्थिति में कई बार नाखूनों में दर्द होने के साथ खून भी बहने लगता है. हालांकि अगर आपकी स्थिति गंभीर नहीं है, तो इससे आपको उपचार की जरूरत नहीं पड़ेंगी लेकिन स्थिति अगर गंभीर है तो देखभाल और दवा दोनों की जरूरत पड़ सकती है.
क्या है इसके कारण (Fungal Nail Infection Causes )
उम्र- हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई बार बढ़ती उम्र के साथ नेल फंगस की समस्या हो जाती है, उम्र के साथ नाखून टूटने के साथ सूखे होने लगते हैं. ऐसे में नाखूनों में आईं दरारें फंगस को प्रवेश करने और संक्रमण पैदा करने का कारण बन सकती हैं.
ब्लड सकुर्लेशन- इसके अलावा पैरों में ब्लड सकुर्लेशन कम होना भी फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकता है.
गंदे पैर होना- कई बार पैरों और नाखूनों में गंदगी जमा होने से भी फंगल इंफेक्शन हो जाता है.
पसीना- इसके अलावा पैर पर हाथ या पैरों में जरूरत से ज्यादा पसीना आना भी इसका एक कारण हो सकता है.
कैसे करें बचाव (Fungal Nail Infection Treatment)
- नियमित रूप से हाथ और पैरों को अच्छे से धोएं.
- नाखूनों को छोटा और साफ रखें और हर इस्तेमाल के बाद अपने नेल क्लिपर को हमेशा डिसइंफेक्ट करें.
- हमेशा साफ और पसीने को सोखने वाले मोजे पहनें और अच्छी क्वालिटी वाले जूते पहनें.
- पुराने जूते पहनते समय पहले उसे बैक्टीरिया फ्री करें.
- नेल पॉलिश और आर्टिफिशियल नाखूनों का इस्तेमाल कम करें.
नोट- अगर आप मैनीक्योर और पेडीक्योर करवाती हैं तो ऐसे सैलून पर जाएं जो हर उपयोग के बाद अपने उपकरणों को बैक्टीरिया फ्री करता हो, ताकि इससे संक्रमण की कोई गुंजाइश न हो.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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