हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) मनाया जाता है और इस दिन का उद्देश्य दुनिया भर में बहरेपन और श्रवण हानि को रोकने और कान और सुनने की देखभाल को बढ़ावा देने के प्रति जागरूकता (Ear Infection) बढ़ाना है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अक्सर लोग अपनी बिजी लाइफ में अपने कानों की सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं. आज हम आपको कानों में होने वाले ऐसे संक्रमण (Ear Diseases) के बारे में बता रहे हैं, जिसे अनदेखा करना आपके लिए भारी पड़ सकता है. दरअसल, हम बात कर रहे हैं ओटिटिस मीडिया (ओएमई) (Otitis Media with Effusion) के बारे में..तो आइए जानते हैं...
क्या है ओटिटिस मीडिया विथ इफ्यूजन या OME? (What is Otitis Media with Effusion)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह एक ऐसा संक्रमण है जो कान के मध्य यानि बीच के हिस्से में होता है और इससे कान में सूजन आ जाती है. इसके अलावा कान में दर्द होना मिडल इयर इंफेक्शन की ओर इशारा करता है. ऐसी स्थिति में तुरंत इसके लक्षणों की पहचान कर इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए. क्योंकि यह आगे चलकर गंभीर समस्या का कारण बन सकता है. बता दें कि इससे मिडल ईयर का इंफेक्शन हो सकता है या मिडिल ईयर में धीरे-धीरे वेंटिलेशन की समस्या हो सकती है.
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जानें क्या हैं इसके कारण (OME Causes)
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक ओटिटिस मीडिया विथ इफ्यूजन (ओएमई) होने के कई कारण हो सकते हैं और इनमें लगातार कोल्ड होना, एलर्जी, वायरल इंफेक्शन, एडेनोओडाइटिस और एडेनोइड हाइपरट्रॉफी आदि शामिल हैं.ऐसी स्थिति में इसका इलाज कराना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि इसकी वजह से ईयरड्रम डैमेज हो सकता है, जिससे कान की बीमारी हो सकती है. इतना ही नहीं इसके कारण आपकी सुनने की क्षमता कम हो सकती है. ऐसी स्थिति में कान से तरल पदार्थ बहने लगता है और दूसरी अन्य समस्याएं भी हो जाती हैं.
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तेजी से बढ़ रहे हैं इसके मामले
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले कुछ समय में मिडल ईयर में ओटिटिस मीडिया विथ इफ्यूजन (Otitis Media with Effusion) या ओएमई (OME) के मामले काफी तेजी से बढ़े हैं और हाल के वक्त में ओएमई के मामलों में 25 से 30 फीसदी का इजाफा हुआ है. चिंता की बात यह है कि 3 से 6 साल के बच्चों को इसका खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में इसके लक्षणों की पहचान कर सही समय पर इसका इलाज करना बहुत ही जरूरी है.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
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