क्या है Physiotherapy, इससे कैसे होता है शरीर की अकड़न-जकड़न से लेकर गठिया तक का इलाज?

Abhay Sharma | Updated:Feb 14, 2024, 01:16 PM IST

Physiotherapy Benefits

Physiotherap की मदद से शारीरिक दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, जोड़ो के दर्द या अकड़न से छुटकारा मिलता है. आइए जानते हैं क्या है ये थेरेपी और कैसे करती है ये काम...

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, दिन भर ऑफिस की डेस्क पर बैठकर काम करने या फिर गलत तरीके से लेटने-बैठने के कारण अक्सर लोगों को शरीर में अकड़न-जकड़न के साथ भयंकर दर्द (Arthritis) का सामना करना पड़ता है. ऐसी स्थिति में लोग कई तरह की दवाओं का सहारा लेते हैं या फिर अन्य कई घरेलू नुस्खे अपानाते हैं. इसके अलावा कुछ थेरेपी (What Is Physiotherap) भी इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करती हैं. इन्हीं में से एक है फिजियोथेरेपी (Physiotherapy). बता दें कि फिजियोथेरेपी में चोट, शारीरिक दर्द और बीमारियों के इलाज के लिए मसाज, व्यायाम और खास तरह की मशीन आदि का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में अगर आप (Body Stiffness) भी अक्सर इस समस्या से परेशान रहते हैं तो इस थेरेपी का सहारा ले सकते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में... 

इन समस्याओं को दूर करती है फिजियोथेरेपी (Physiotherapy Benefits) 

बता दें कि चोट, पुरानी बीमारी, शारीरिक अक्षमता, शारीरिक गतिविधि में सुधार लाने, शारीरिक दर्द, मांसपेशियों की ऐंठन, जोड़ो के दर्द या अकड़न से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी की जाती है. इसके अलावा फ्रैक्चर और व्यायाम या फिर खेल के दौरान आए खिंचाव के उपचार के तौर पर भी फिजियोथेरेपी का सहारा लिया जाता है. 

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शरीर में ये लक्षण दिखें तो जरूर कराएं फिजियोथेरेपी 

बता दें कि शरीर में कई ऐसे लक्षण नजर आते हैं, जो बताते हैं कि आपको फिजियोथेरेपी लेने की जरूरत है. जैसे कि शरीर के किसी हिस्से में दर्द, शरीर का असंतुलन, अधिक थकान, भारीपन महसूस होना, कमजोरी, शारीरिक खिंचाव या अकड़न आदि. अगर आपको ऐसी समस्याएं होती हैं तो आपको किसी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाना चाहिए. 

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क्या है प्रोसेस

बता दें कि फिजियोथेरेपी किस तरह से करनी है, वो पूरी तरह से मरीज की स्थिति और उम्र पर निर्भर करती है. इसके बाद शरीर की जकड़न को दूर करने के लिए और मांसपेशियों को फिर से एक्टिव करने के लिए एक्टिव मूवमेंट फिजियोथेरेपी का उपयोग किया जाता है. वहीं कंटीन्युअस पैसिव फिजियोथेरेपी में मरीज का इलाज हीट से जरिए किया जाता है और इसके लिए मशीनों का इस्तेमाल होता है. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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