Psychiatric Emergency: कहीं आपके मन को तो नहीं है डॉक्टर की जरूरत

Written By नितिन शर्मा | Updated: Jul 13, 2024, 01:36 PM IST

अक्सर आपने लोगों कहते या खुद भी महसूस किया होगा कि मन नहीं लग रहा. लोगों की भीड़ से कहीं दूर जाने की इच्छा हो रही है. ऐसे ही मन में आने वाले कुछ विचार और लक्षण मानसिक बीमारी का संकेत देते हैं. इनसे बचने के​ लिए साइकियाट्रिक डॉक्टर से तुरंत मिलना चाहिए. 

Psychiatric Emergency: इस भागदौड़ भरी जिंदगी में युवा से लेकर बुजुर्ग तक ज्यादातर लोग किसी न किसी वजह से तनाव में हैं. कोई अपने करियर को लेकर चिंता में है तो कुछ लोग पैसे, लाइफ, रिलेशनशीप और अकेलेपन के चलते मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं. इनमें ज्यादातर लोग ऐसे हैं, जो मन से जुड़ी इन बीमारियों को न तो समझ पाते हैं और न किसी से साझा करना पसंद करते हैं. यही वजह है कि यह धीरे धीरे बढ़कर यह समस्या साइकियाट्रिक इमरजेंसी का रूप ले लेती है. 

सीनियर साइकियाट्रिक डॉ अनिल विश्वकर्मा बताते हैं कि मानसिक बीमारियों से जुड़ी चीजों पर चर्चा करने से ज्यादातर लोग भागते हैं. वह खुद को बहुत कूल दिखाते हैं, लेकिन अंदर से वह टूटे हुए या तनाव में भी होते हैं. दुनिया में ऐसा शायद ही कोइ शख्स होगा जिसको मानसिक बीमारियां नहीं हुई हों, भले ही वह सामान्य मानसिक बीमारियां, जैसे: स्ट्रेस, एंग्जायटी या डिप्रेशन हो सकता है. बहुत से लोगों से आपने सुना होगा कि मैं डिप्रेशन में हूं, लेकिन इसे दूर करने के लिए उन्होंने क्या किया या डिप्रेशन से में वह क्यों आएं और बाहर निकलने के लिए क्या कर रहे हैं इसका जवाब शायद ही ज्यादा लोग दे पाएं. यही वजह है ​कि तनाव से लेकर डिप्रेशन और एंग्जायटी ही साइकियाट्रिक इमरजेंसी बन जाती है. 

क्या होती है साइकियाट्रिक इमरजेंसी (What Is Psychiatric Emergency) 

सीनियर साइकियाट्रिक डॉ अनिल विश्वकर्मा बताते हैं कि इन दिनों युवाओं में साइकियाट्रिक इमरजेंसी (Psychiatric Emergency) की समस्या सबसे ज्यादा देखी जा रही है. यह एक ऐसी स्थिति में जिमसें व्यक्ति को तुरंत मानसिक स्वास्थ सेवाओं की जरूरत होती है. इग्नोर करने पर व्यक्ति के मन से लेकर उनका मूड और काम करने की क्षमता प्रभावित होती है. गुस्सा बढ़ जाता है और स्थिति सुसाइड तक पहुंच जाती है. लोग खुद को दूसरे को नुकसान पहुंचाने लगते हैं. उसके पीछे की वजह उनकी मानसिक स्थिति का बेहद बिगड़ने के साथ ही उपचार की अनदेखा करना होती है. 

ऐसे पहचानें साइकियाट्रिक इमरजेंसी की है जरूरत

डॉक्टर बताते हैं कि जो व्यक्ति गहरे डिप्रेशन में चला जाता है. हर समय अकेला रहना पसंद करता है. बहुत ज्यादा दुखी रहने के साथ ही आत्म​हत्या का प्रयास करने की स्थिति में साइकियाट्रिक इमरजेंसी की जरूरत होती है. इसके मरीजों में दिखते हैं ये 5 लक्षण. 

साइकियाट्रिक इमरजेंसी के लक्षण ((Psychiatric Emergency Signs And Symptoms) 

बहुत ज्यादा दुखी

जो लोग बहुत लंबे समय तक ज्यादा दुखी रहते है. हर समय शांत और चुप रहते है. ऐसे लोगों को मानसिक रूप से दिखाने की जरूरत है. यह साइकियाट्रिक इमरजेंसी का ही एक लक्षण है. 

हर समय चिंता 

अगर व्यक्ति को रात भर ठीक से नींद नहीं आती. हर समय किसी न किसी चिंता में डूबे रहते हैं. भूख प्यास का आभास नहीं होता. यह स्थिति साइकियाट्रिक इमरजेंसी (Psychiatric Emergency Signs) का संकेत देती है. 

ध्यान न लगा पाना

अगर किसी व्यक्ति का काम में ध्यान नहीं लग पा रहा है. हर समय किसी न किसी बात का लेकर दिक्कत बनी रहती है. हर समय ध्यान इधर उधर रहता है. भूलने की समस्या होने लगती है. यह समस्या मानसिक स्थिति (Mental Health) खराब होने का संकत देती है. 

अकेले रहना

अगर कोई व्यक्ति अकेला रहता है. हर समय अकेला रहना पसंद करता है. लोगों की भीड़ और उनसे बात करने से बचता है. व्यक्ति का यह लक्षण साइकियाट्रिक इमरजेंसी का होता है. 

आत्महत्या का विचार

जिस भी व्यक्ति को आत्महत्या के विचार आते हैं. वह अकेले खुद ही बोलता है या फिर आत्महत्या (Suicide) का प्रयास कर चुका है. यह सभी लक्षण साइकियाट्रिक इमरजेंसी (Psychiatric Emergency Symptoms) के होते हैं. ऐसे व्यक्ति को आनन फानन में साइकियाट्रिक को दिखाना चाहिए. 

(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)

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