Heart Attack Prevantion Remedy: 7 रुपये की ये 'राम किट' हार्ट अटैक से बचाएगी, दिल की मजबूती के लिए यूज हो रही साइकोथैरेपी  

Written By ऋतु सिंह | Updated: Nov 09, 2024, 09:39 AM IST

हार्ट अटैक से बचाती हैं राम किट, जानिए क्या है ये?

हार्ट अटैक से अब यंग ही नहीं, छोटे बच्चों तक की मौत होने लगी है. लेकिन आज आपको एक ऐसे किट के बारे में बताएंगे जिसे आपको हमेशा साथ रखना होगा और फिर आपको हार्ट अटैक से जान नहीं गंवानी पड़ेगी. चलिए जानें इस किट में क्या है?

युवाओं में दिल के दौरे की घटनाएं बढ़ रही हैं और सर्दियों में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है. शोध बताते हैं कि ज्यादातर मामलों में दिल का दौरा पड़ने के बाद मरीज की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो जाती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की स्थिति में तुरंत प्राथमिक उपचार देना जरूरी हो जाता है. इससे अस्पताल पहुंचने में मदद मिल सकती है. 

वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार ने एक सस्ता और आसान 'राम किट' विकसित किया है. यह किट मात्र 7 रुपये में उपलब्ध है और इसमें दिल के दौरे के मामले में उपयोग की जाने वाली तीन आवश्यक दवाएं शामिल हैं. इनमें इकोस्प्रिन, सॉर्बिट्रेट और रोसुवास 20 शामिल हैं.
 
राम किट नाम क्यों?
दिल का दौरा पड़ने पर अगर कोई मरीज इन तीन दवाओं का सेवन करता है तो उसके बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है. इस किट का नाम 'राम किट' रखा गया है ताकि संकट के समय लोग आसानी से दवा का नाम याद रख सकें और तुरंत इसका इस्तेमाल कर सकें. 'राम किट' नाम देने का उद्देश्य लोगों के बीच भावनात्मक जुड़ाव पैदा करना है, ताकि वे इस किट के बारे में अधिक जागरूक और आश्वस्त हो सकें.

दवा कैसे काम करती है? 
हार्ट अटैक की स्थिति में इस किट का उपयोग करना बहुत आसान है. इकोस्प्रिन रक्त को पतला करने में मदद करता है, जिससे हृदय में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है. सॉर्बिट्रेट टैबलेट हृदय को तुरंत राहत देता है और रोसुवास 20 कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक है. यदि सही समय पर उपयोग किया जाए तो इन दवाओं का संयोजन जीवन रक्षक हो सकता है.

किट का नियमित प्रयोग करें
डॉ. नीरज कुमार का कहना है कि इस किट का उपयोग नियमित रूप से नहीं, बल्कि केवल हृदय संबंधी आपात स्थितियों में ही किया जाना चाहिए. 

स्प्रिचुअली कनेक्ट कर करते हैं इलाज
कानपुर के एक हृदय रोग विशेषज्ञ ने इलाज के अनिवार्य हिस्से के रूप में पवित्र ग्रंथ चढ़ाने की प्रथा शुरू की है. हार्ट सर्जन डॉ. नीरज कुमार अपने मरीजों को सर्जरी से पहले और दीर्घकालिक उपचार के लिए भगवद गीता, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामायण पढ़ने के लिए देते हैं ताकि मरीज अदर से भी स्ट्रांग रहे. डॉ. कुमार जोर देकर कहते हैं, "धार्मिक किताबें पढ़ने से मरीज मानसिक रूप से मजबूत होते हैं और इलाज के दौरान उनका मनोबल बढ़ता है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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