अक्सर किसी लोहे या जंग लगी चीज से चोट लगने पर तुरंत टिटनेस का इंजेक्शन (Tetanus Injection) लगवाने की सलाह दी जाती है. दरअसल, टिटनेस एक प्रकार का बैक्टीरियल इंफेक्शन (Bacterial Infection) होता है और यह शरीर में प्रवेश करके, एक प्रकार का टॉक्सीन बनाना शुरू कर देता है. इतना ही नहीं यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिसके कारण मसल सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसे में इस गंभीर समस्या के बारे में आपको जानकारी होना बहुत ही जरूरी है. बता दें कि टिटनेस (Tetanus) केवल लोहे की चीजों से कटने के कारण ही नहीं, बल्कि अन्य कई कारणों से भी हो सकता है. आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बता रहे हैं क्या है टिटनेस (Tetanus Causes) और किन-किन कारणों से हो सकती है ये समस्या. आइए जानते हैं इसके बारे में...
क्या है टिटनेस (What is Tetanus In Hindi)
हेल्थ एक्सपेट्स के मुताबिक, टिटनेस (Tetanus) एक लाइलाज बीमारी है और आप जो इंजेक्शन लगवाते हैं, वह दवा नहीं बल्कि वैक्सीन है, जो कि इससे बचाव करती है. बता दें कि यह वैक्सीन टिटनेस होने के बाद आपको बचा नहीं सकती है.
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।विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार अगर किसी को टिटनेस हो जाए तो उसका बच पाना मुश्किल हो जाता है. दरअसल टिटनेस का इंफेक्शन नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों पर अटैक करता है. इसकी वजह से किडनी या हार्ट फेल हो जाता है और इससे मौत भी हो सकती है
टिटनेस होने के कारण (Tetanus Causes)
ज्यादातर लोगों को लगता है कि यह जंग लगे लोहे से ही होता है लेकिन ऐसा नहीं है. बता दें कि कई महीनों से पड़ी कोई प्लास्टिक की चीज, गंदी लकड़ी से चोट लगने पर भी टिटनेस का खतरा रहता है और इन चीजों के जरिए भी टिटनेस का बैक्टीरिया हो सकता है, जो घाव लगने पर शरीर में प्रवेश कर जाता है. हालांकि ये भी जरूरी नहीं है कि बैक्टीरिया इन चीज में पाई ही जाए, लेकिन फिर भी बिना रिस्क लिए सावधानी बरतनी चाहिए.
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कब लगवानी चाहिए टिटनेस की वैक्सीन (Tetanus Vaccination Time)
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक सभी को नियमित समय पर टिटनेस के इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है और वयस्कों को हर 10 साल पर टिटनेस के इंजेक्शन लगवा लेनी चाहिए. इसके लिए जरूरी है कि वैक्सीनेशन कार्ड और डॉक्टर से संपर्क तुरंत वैक्सीन लगवा लें. इसके अलावा एचसीएस दें कि प्रेग्नेंट महिलाओं को भी इसकी वैक्सीन लेने की जरूरत होती है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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