आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियों के बारे में जिक्र मिलता है, जो डायबिटीज (Diabetes) समेत अन्य बीमारियों में रामबाण दवा का काम करते हैं. आज हम आपको ऐसे ही 3 पौधों के बारे में बता रहे हैं, जो शुगर (Sugar Level) को कंट्रोल रखने में मदद करते हैं. आप इसकी जड़ से लेकर पत्तियों और फूलों तक का इस्तेमाल कर सकते हैं. दरअसल, हम बात कर रहे हैं पनीर के फूल और इंसुलिन प्लांट के बारे में.
आयुर्वेद के अनुसार, अगर आप अपना शुगर (Ayurvedic Plants) लेवल कंट्रोल में रखना चाहते हैं तो इन पौधों का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये पौधे डायबिटीज के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं...
इंसुलिन प्लांट (Insulin Plant)
इंसुलिन प्लांट, जिसे कॉस्टस इग्नियस (Costus igneus) कहा जाता है. इसकी पत्तियों के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. बता दें कि यह पौधा आपको किसी भी नर्सरी में आसानी से 25 रुपये तक में मिल जाएगा. इसके सेवन के लिए इंसुलिन प्लांट की पत्तियों को सुखाकर और उनका पाउडर बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें- प्यास लगे तो कोल्ड ड्रिंक को 'न' कहें, नहीं तो घेर लेंगी आपको ये बीमारियां
पनीर का फूल
आयुर्वेद में पनीर के फूल को एक भारतीय औषधीय जड़ी बूटी माना जाता है, स्वास्थ्य के लिहाज से इसके अनगिनत फायदे हैं. बता दें कि यह एक छोटा पौधा होता है जिस पर रसभरी की तरह छोटे-छोटे फूल आते हैं. कई हेल्थ एक्सपर्ट्स ये दवा करते हैं कि इस पौधे के फूल (रसभरी) से निकलने वाले रस के इस्तेमाल से डायबिटीज की समस्या को कंट्रोल किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें- सुबह की ये 5 आदतें आपको रखेंगी हेल्दी और फिट, नहीं पड़ेंगे बीमार
चिरायता
बता दें कि चिरायता एक जड़ी बूटी है और इसकी पत्तियों से लेकर जड़ों तक में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं. इसके सेवन से शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. ऐसे में अगर आप डायबिटीज की समस्या से परेशान हैं तो इसका सेवन कर सकते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, आप इसके सेवन के लिए सीमित मात्रा में चिरायता के पत्तों का जूस निकालकर पी सकते हैं.
Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.
DNA हिंदी अब APP में आ चुका है.. एप को अपने फोन पर लोड करने के लिए यहां क्लिक करें.
देश-दुनिया की Latest News, ख़बरों के पीछे का सच, जानकारी और अलग नज़रिया. अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर.