डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों के लिए शुगर लेवल को कंट्रोल में रखना किसी मुश्किल टास्क से कम नहीं है. क्योंकि खानपान में जरा भी लापरवाही ब्लड शुगर (Blood Sugar) लेवल को तेजी से बढ़ाने का काम करता है. ऐसे में शुगर (Sugar) के मरीजों की स्थिति काफी ज्यादा गंभीर हो जाती है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खानपान के (Diet) साथ डायबिटीज के मरीजों के लिए वर्कआउट (Workout) का ध्यान रखना भी जरूरी है.
बता दें कि वर्कआउट या एक्सरसाइज करने के समय से भी शुगर लेवल (Sugar Level) प्रभावित होता है. एक शोध के मुताबिक, अगर आपको अपना शुगर लेवल कंट्रोल (How To Control Sugar Level) में रखना है तो इसके लिए दोपहर या शाम के समय वर्कआउट करना फायदेमंद हो सकता है.
क्या कहती है स्टडी?
जर्नल डायबिटोल्जिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सुबह की तुलना में दोपहर और शाम में वर्कआउट करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस 25% तक अधिक कम होता है. साथ ही मध्यम से तीव्र इंटेंसिटी के वर्कआउट करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस के साथ फैटी लिवर की समस्या भी कम होती है.
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इंसुलिन रेजिस्टेंस क्या है?
बता दें कि इंसुलिन एक तरह का हार्मोन है, जो पैंक्रियाज में बनता है. ये ग्लूकोज या ब्लड शुगर को शरीर की कोशिकाओं तक जाने में मदद करता है, जहां ये एनर्जी में बदल जाता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इंसुलिन रेजिस्टेंस तब होता है जब हमारे शरीर में मौजूद सेल्स इंसुलिन के प्रति अपनी प्रतिक्रिया देना बंद कर देते हैं और इनसे ग्लूकोज नहीं लेते हैं.
शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस हाई होने पर पैंक्रियाज को और इंसुलिन बनाने के लिए अधिक मेहनत करना पड़ता है, ताकि ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश कर सके. बता दें कि इंसुलिन रेजिस्टेंस हाई होने से प्री-डायबिटीज या टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ जाता है. हालांकि मोटापा, बढ़ती उम्र या जेनेटिक कारणों से भी ये हाई हो सकता है.
इन बातों का भी रखें ध्यान
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक व्यायाम ब्लड शुगर को कम करने के लिए कई तरीकों में से एक है. लेकिन कई ऐसे कारक हैं, जैसे कि नींद, हार्मोन, दवा और खान-पान जैसे कारक ब्लड शुगर को प्रभावित करते हैं. इसलिए इनके मेनेजमेंट का भी ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
(Disclaimer: यह लेख केवल आपकी जानकारी के लिए है. इस पर अमल करने से पहले अपने विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लें.)
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