डीएनए हिंदी: वार्टिगो एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण अचानक से चक्कर आने लगता है और ऐसा महसूस होता है की आसपास की दुनिया घूम रही है. इतना ही नहीं वर्टिगो (Vertigo Cause) में चक्कर आने के साथ-साथ उल्टी या जी मिचलाने जैसा भी महसूस होता है. दरअसल यह एक प्रकार का बैलेंस डिसऑर्डर यानी संतुलन बनाने से संबंधित एक विकार है. इसकी वजह से बैलेंस बनाए रखना और रोजमर्रा के कामों को कर पाना मुश्किल हो जाता है. बता दें कि वर्टिगो के दौरे अचानक विकसित हो सकते हैं और कुछ सेकंड तक रह सकते हैं या (Vertigo Disease) फिर वे बहुत लंबे समय तक भी रह सकते हैं. इसमें बिनाइन पैरॉक्सिस्मल वर्टिगो या पोजिशनल वर्टिगो शामिल है. आइए जानते हैं क्या हैं इस बीमारी के कारण और लक्षण...
वर्टिगो के कारण
शरीर में ब्लड की सप्लाई कम होने से ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, जिसके कारण वर्टिगो का अटैक आ सकता है. इसके अलावा लगातार काम करते रहने के चलते खानपान को अवॉयड करने की गलती भी इसकी एक बड़ी वजह है, क्योंकि इसकी इसकी वजह से काम करने के लिए बॉडी को एनर्जी ही नहीं मिलती जिसकी उसे जरूरत होती है. साथ ही बहुत ज्यादा टेंशन लेने से भी ऐसा हो सकता है. इसके अलावा मस्तिष्क में समस्याएं, कान की समस्याएं, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस, मेनियार्स रोग या वेस्टिबुलर न्यूरिटिस, सिर या गर्दन में चोट, झटका और कान को नुकसान पहुंचाने वाली दवाएं वर्टिगो के पनपने का मुख्य कारण बनते हैं.
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वर्टिगो के सामान्य लक्षण (Vertigo Symptoms)
- संतुलन की कमी
- जिससे खड़ा होना या चलना मुश्किल होना
- बीमार महसूस करना या बीमार होना
- चक्कर आना
ऐसे रखें अपना ख्याल
-एक्सरसाइज करें
-सिर थोड़ा ऊपर उठाकर सोएं.
- बिस्तर से धीरे-धीरे उठें और खड़े होने से पहले एक या दो मिनट के लिए बिस्तर के किनारे पर बैठें.
- किसी सामान को उठाने के लिए नीचे झुकने से बचें.
-रोजमर्रा के कामकाज के दौरान अपना सिर सावधानी से धीरे-धीरे हिलाएं.
-ऐसे व्यायाम करें जो आपके चक्कर को ट्रिगर करते हैं, इससे आपके मस्तिष्क को इसकी आदत होगी और लक्षण कम हो जाएंगे.
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क्या है वर्टिगो का इलाज
वर्टिगो को दवाओं, फिजियोथेरेपी, फिजिकल थेरेपी, डाइट में बदलाव और लाइफस्टाइल में सुधार लाकर और कुछ केसेस में सर्जरी से भी काफी हद तक ठीक किया जा सकता है. इसके अलावा वर्टिगो को पूरी तरह से ठीक करने के लिए ज़रूरी है इस बीमारी की समय से पहले पहचान कर ली जाए और प्रभावी उपचार विकल्पों को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाई जाए.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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