Know About IVF: इनफर्टिलिटी का जवाब है यह, भारत सरकार ने तय किए हैं इसके लिए कुछ नियम-कायदे भी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 26, 2022, 06:49 PM IST

IVF को लेकर क्या हैं सरकार के नियम, कैसी होती है ये पूरी प्रक्रिया और प्रेग्नेंसी के क्या होते हैं लक्षण, जानिए सब कुछ यहां

डीएनए हिंदी: आजकल आईवीएफ (IVF) का खूब चलन है लेकिन आज भी ज्यादातर लोग इसे खुले मन से स्वीकार नहीं कर पाते हैं या फिर इसके बारे में बात करने से हिचकिचाते हैं.  जिन महिलाओं को फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या है वे इस प्रक्रिया के जरिए बच्चा पैदा कर सकती हैं. दवाओं की मदद से लैब में यह प्रकिया की जाती है. आईए विस्तार से इसके बारे में जानते हैं और यह प्रक्रिया कितनी सुरक्षित है इसपर भी चर्चा करते हैं. 

क्या है आईवीएफ (What is IVF) 

आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (In vitro fertilization) से महिला में दवाओं की मदद से फर्टिलिटी बढ़ाई जाती है जिसके बाद ओवम को सर्जरी की मदद से निकाला जाता है और इसे लैब भेजा जाता है. इस प्रक्रिया से आईवीएफ प्रेग्नेंसी के लक्षण (Symptoms of Pregnancy Through IVF) की जानकारी मिल सकती है. लैब में पुरुष के स्पर्म (शुक्राणु) और महिला के ओवम को एक साथ मिलाकर फर्टिलाइज किया जाता है. 3-4 दिनों तक लैब में रखने के बाद फर्टिलाइज्ड भ्रूण (Embryo) को जांच के बाद महिला के गर्भ में इम्प्लांट किया जाता है.

यह भी पढ़ें- Men's Infertility: महिलाओं के साथ-साथ पुरुष भी हैं इनफर्टिलिटी के जिम्मेदार, शोध में हुआ खुलासा

एक्सपर्ट्स के अनुसार IVF के इस प्रॉसेस में 2 से 3 सप्ताह का वक्त लगता है. यूट्रस (बच्चेदानी) में एम्ब्रियो इम्प्लांट होने के 2 सप्ताह बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट से महिला के गर्भवती होने की जांच की जाती है

जब आपका आईवीएफ होता है उस दौरान आपके शरीर में कई बदलाव दिखाई देते हैं. ये हैं प्रेग्नेंसी के कुछ लक्षण 

पीरियड्स नहीं आना
सिर दर्द होना 
जी मचलाना 
उल्टी की समस्या 
थकान महसूस होना 
ब्रेस्ट में बदलाव आना 
प्यास और भूख लगना 
मूड स्विंग होना 

यह भी पढ़ें- कैंसर जैसी बीमारी को कंट्रोल करती है लौंग, जानिए कैसे लें

भारत में क्या है स्थिति

विश्व आईवीएफ दिवस के दिन ये आंकड़े बहुत ही चौंकाने वाले हैं. भारत में 27.5 मिलियन लोग इनफर्टिलिटी के शिकार हैं. साल 2018 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार 27.5 मिलियन लोग भारत में इनफर्टिलिटी (Infertility) के शिकार हैं. इनफर्टिलिटी की समस्या के कारण प्रेग्नेंसी में समस्या होती है.

हालांकि ऐसा नहीं है कि इनफर्टिलिटी की समस्या होने पर गर्भधारण नहीं हो सकता है. आईवीएफ उसका ही एक उदाहरण है. भारत सरकार आईवीएफ की अधिकतम कम्युलिटिव एज 100 साल निर्धारित की थी, कम्युलिटिव एज का अर्थ है पति-पत्नी की उम्र का जोड़ 100 से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

IVF ivf process pregnant women fertility women health