Rickets Disease in Kids: क्या है बच्चों में होने वाला सूखा रोग, कैसे हड्डियां हो जाती हैं टेढ़ी, क्या है कारण

सुमन अग्रवाल | Updated:Nov 12, 2022, 11:56 AM IST

Vitamin D और कैल्शियम की कमी से बच्चों की हड्डियां टेढ़ी होने लगती है, मांसपेशियों में दर्द, क्या है रिकेट डिजीज के लक्षण और इलाज कैसे करें

डीएनए हिंदी: Rickets Disease in Kids Symptoms, Causes, Treatment- आजकल माता-पिता इतने व्यस्त रहने लगे हैं कि बच्चों की हेल्थ पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे पाते हैं.ऐसे में बच्चों को जिन पोषक तत्वों की जरूरत होती है वो उन्हें नहीं मिल पाते हैं और वे कई तरह की समस्याओं से जूझने लगते हैं. विटामिन, मिनरल्स, आयरन की कमी से उनकी हड्डियां टेढ़ी होने लगती हैं, मांसपेशियों में दर्द रहने लगता है, इसे रिकेट की (Rickets) बीमारी कहते हैं. आईए जानते हैं क्या है ये बीमारी, कारण और इसके लक्षण क्या है. कैसे आप अपने बच्चों को इससे दूर रख सकते हैं. 

क्या है सूखा या रिकेट बीमारी 

रिकेट्स या सूखा रोग बच्चों में होने वाली हड्डियों की एक बीमारी है जो विटामिन डी, (Vitamin D, Calcium Deficiency) कैल्सियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण होती है. इस रोग में हड्डियों में दर्द, हड्डियों का कमजोर होना या नरम पड़ना, मांसपेशियों में दर्द होना आदि शामिल है. ये बहुत ही रेयर डिजीज है जो धीरे धीरे बच्चों के शरीर में घर कर जाती है. ये बीमारी कई प्रकार की होती है

मौसमी सूखा 
जलीय सूखा 
कृषि सूखा
सामाजिक,आर्थिक सूखा 
पारिस्थिति की सूखा

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कारण (Causes)

ये बीमारी विटामिन डी,कैल्सियम और फास्फोरस की कमी से होती है. रिकेट्स के कारण बच्चों मे बो लेग डिफॉर्मिटी और नोक नी डिफॉर्मिटी (चलते समय घुटनों का आपस में टकराना) हो जाती है. इससे बच्चों के पैर धीरे धीरे टेढ़े हो जाते हैं. डॉक्टर्स कहते हैं कि लंबे समय तक सूरज की रोशनी से दूर रहने की वजह से और सही ढंग से खाना नहीं खाने के कारण ऐसा होता है. कई बच्चे कुपोषण का शिकार होते हैं, उन्हें ये समस्या ज्यादा होती है. 

लक्षण (Symptoms)

मांसपेशियों में दर्द रहना 
हड्डियां कमजोर होना 
हड्डियों में दर्द, कई बार टूट जाना 
लंबाई न बढ़ना
चलने दौड़ने में दिक्कत 

इलाज (Treatment) 

कई पैरंट्स बिना डॉक्टर की सलाह लिए अपने बच्चों को विटामिन-डी की डोज दे रहे हैं. ऐसा करना बच्चों को फायदे से अधिक नुकसान होता है, इसलिए जरूरी है कि बच्चे के शरीर को धूप मिले, ठीक से खाना पीना, पोषक तत्व मिले, इससे उनका विकास अच्छा होता है. 

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स्टडी के आंकड़े 

रिकेट्स के शिकार 270 बच्चों में से 47 प्रतिशत बच्चों की हड्डियां इतनी कमजोर हो गई कि उनकी टांगे शरीर का वजन उठते समय सीधी रहने के वजाय कर्व लेने लगीं. जबकि 53 प्रतिशत बच्चों में मांसपेशियां कमजोर पाई गई और इनका मेरुदंड (रीढ़ की हड्डी) में असामान्य टेढ़ापन देखा गया.

जबकि रिकेट्स के शिकार 93 प्रतिशत बच्चों में कलाई, घुटने और एड़ी के जोड़ों के पास की हड्डियां जरूरत से ज्यादा मोटी पाई गईं. इस लक्षण को रिकेट्स के प्राथमिक लक्षण के तौर पर रिकॉर्ड किया गया है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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