Pregnancy में कहीं आप तो नहीं पी रही हैं ये ड्रिंक? Autism की चपेट में आ सकता है पेट में पल रहा बच्चा 

Written By Abhay Sharma | Updated: Oct 10, 2024, 02:35 PM IST

What To Not Drink In Pregnancy

What Not To Drink In Pregnancy: आज हम आपको ऐसे ड्रिंक के बारे में बताने जा रहे हैं, जो शराब से भी ज्यादा हानिकारक है और इसके सेवन से नवजात शिशु के ब्रेन की ग्रोथ रुक जाती है और बच्चा ऑटिज्म जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकता है

प्रेगनेंसी (Pregnancy) के दौरान छोटी-छोटी बातों का भी ध्यान रखना बेहद जरूरी है. क्योंकि इस दौरान जरा सी भी लापरवाही आपके लिए और (Pregnancy Tips) पेट में पल रहे बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है. इस दौरान खानपान का भी बहुत ज्यादा ध्यान रखना होता है. क्योंकि  इसका सीधा असर कोख में पल रहे बच्चे की (Pregnancy Diet) सेहत पर पड़ता है. आमतौर पर इस दौरान हेल्दी चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है, इनमें फल, अनाज और जूस शामिल हैं. 

लेकिन, आज हम आपको ऐसे ड्रिंक (What Not To Drink In Pregnancy) के बारे में बताने जा रहे हैं, जो शराब से भी ज्यादा हानिकारक है और इसके सेवन से नवजात शिशु के ब्रेन की ग्रोथ रुक जाती है और बच्चा ऑटिज्म जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ सकता है. आइए जानते हैं इस हानिकारक ड्रिंक के बारे में... 

क्या कहती है स्टडी 
टेक्सास हेल्थ साइंस सेंटर के वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में दावा किया है कि गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाएं जो एस्पार्टेम (Aspartame) (आर्टिफिशियल स्वीटनर) का सेवन करती हैं, उनके बच्चों में ऑटिज्म होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है, खासतौर से मेल चाइल्ड के केस में. इस स्टडी में 235 ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर वाले बच्चों की माताओं को शामिल किया गया और इनकी तुलना 121 सामान्य विकास वाले बच्चों की माताओं से की गई.


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इस स्टडी में पाया गया कि जिन लड़कों को ऑटिज्म था उनकी माताओं ने कम से कम एक डाइट सोडा रोज पीने या पांच टेबलटॉप पैकेट्स के बराबर एस्पार्टेम का सेवन 3 गुना ज्यादा किया था.

डाइट सोडा है खतरनाक
इसके अलावा यह स्टडी पहले के कई रिसर्च का समर्थन करती है, जिसमें डाइट सोडा के सेवन से जुड़ी गंभीर समस्याओं का जिक्र किया गया है. इनमें प्रीमेच्योरिटी और बचपन में मोटापे का बढ़ता जोखिम आदि शामिल है. डाइट सोडा में मौजूद मिठास गर्भ में बच्चे के आसपास के एम्नियोटिक द्रव में पाई गई यानी जब महिलाएं इन उत्पादों का सेवन करती हैं तो वे गर्भ में पहुंच जाते हैं.

बरतें सावधानी
ऐसे में ऑटिज्म के जोखिम को कम करने के लिए प्रेगनेंसी में महिलाओं को  ज्यादा से ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है. इसके लिए आपको डाइट में नेचुरल फ्लेवरिंग जैसे फल का रस, ताजे नींबू या संतरे के टुकड़े या पुदीने की पत्तियां शामिल कर सकते हैं. ये मूड और सेहत दोनों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं.   

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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