Heart-Stroke Risk in Gym: तो इसलिए जिम में ज्यादा आता है स्ट्रोक और हार्ट अटैक, ट्रेडमिल यूज करने से पहले जान लें ये 7 रूल

Written By ऋतु सिंह | Updated: Mar 28, 2023, 05:50 AM IST

Heart-Stroke Risk in Gym: तो इसलिए जिम में ज्यादा आता है स्ट्रोक और हार्ट अटैक

Heart Attack in Gym: जिम में वर्कआउट करते हुए मौत से एक सवाल आपके मन में भी होगा कि फिटनेस फ्रीक लोगों को ये खतरा क्यों हो रहा है.

डीएनए हिंदीः  हार्ड एक्सरसाइज कार्डियक टिश्यू में ऑक्सीजन की कमी कर(Hard exercise depletes cardiac tissue of oxygen) देती है. इसलिए आपको ये जाना ज्यादा जरूरी है कि आप जिम में क्या ऐसी गलती (Mistakes In Gym) करते हैं जो हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का कारण (Reason of Heart Attack or Cardiac Arrest) बनती हैं.  (What are mistakes made in gym that cause heart attack or cardiac arrest?) यदि आप एक फिटनेस फ्रीक (fitness freak) हैं, तो यह लेख आपको यह समझने में मदद करेगा कि फिट रहने की कोशिश करते समय किन बारिक बिंदुओं पर ध्यान देना जरूरी है. 

यदि आप ऐसे व्यक्ति हैं जो अपनी फिटनेस का ध्यान रखना पसंद करते हैं और नियमित रूप से जिम जाते हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि अपनी स्वास्थ्य स्थितियों के प्रति सचेत रहने से न केवल आपको जिम में दिल के दौरे के जोखिम को रोकने में मदद मिल सकती है, बल्कि चोट लगने या मांसपेशियों के फटने से भी बचा जा सकता (Injuries or muscle tears can also be avoided) है. वर्कआउट करते समय ध्यान रखने योग्य कुछ महत्वपूर्ण बातें यहां आपसे साझा कर रहे हैं. जिम में ट्रेडमिल का उपयोग करते समय (Rule using treadmill at Gym) आपको निम्नलिखित बातों का पालन करना चाहिए:

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अपने स्वास्थ्य की जांच करा लें
यदि आप 30 से 50 वर्ष के हैं तो सुनिश्चित करें कि आप अपने कोलेस्ट्राल, शुगर से लेकर हार्ट तक की जांच विशेषज्ञ करा लें और अपने जिम ट्रेनर को भी दिखाएं.

अति व्यायाम से बचें
एक मध्यम कसरत आपको लाभ प्राप्त करने में मदद करने के लिए पर्याप्त है. इसे अधिक करने से हृदय गति में वृद्धि हो सकती है और बाद में आपके दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है.

ऐसा होने पर रुकें
यह समझना महत्वपूर्ण है कि किसी को कब व्यायाम करना बंद कर देना चाहिए.  अगर किसी को सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ या चक्कर, अत्यधिक पसीना और सीने में जकड़न जैसे लक्षण महसूस होते हैं तो उसे तुरंत काम करना बंद कर देना चाहिए.

अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखें
व्यायाम करना महत्वपूर्ण है, लेकिन शरीर का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है. वर्कआउट से आपको पसीना आ सकता है और इस तरह आपका शरीर निर्जलित हो सकता है. आपको बस इतना करना है कि हाइड्रेटेड रहें. ढेर सारा पानी या तरल पदार्थ पिएं जो आपके शरीर को आवश्यक जलयोजन प्रदान कर सके. क्याेंकि डिहाइड्रेशन से भी हार्ट अटैक का खतरा होता है.

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खाने के बाद जिम कभी न करें
भोजन करने के तुरंत बाद व्यायाम करने से भी बचना चाहिए. भरे पेट व्यायाम करने से आपके शरीर को केवल नुकसान हो सकता है और इस जिम से आपको कुछ भी फायदा नहीं होगा.

स्टेरॉयड लेने से बचें
कई फिटनेस फ्रीक कम या ज्यादा उम्र के बावजूद स्टेरॉयड या सिंथेटिक प्रोटीन का उपयोग करते हैं जो सुरक्षित नहीं हैं. यह आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है और कई स्वास्थ्य जटिलताओं को जन्म दे सकता है.

किसे अधिक सावधान रहना चाहिए?
गहन कसरत या बहुत अधिक शारीरिक गतिविधि में शामिल होने से दिल को चोट लग सकती है. उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल या मधुमेह वाले लोगों को जिम प्रशिक्षण शुरू करने से पहले हृदय रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए.

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क्यों आते हैं ज्यादातर हार्ट अटैक सुबह और जिम में
ज्यादातर हार्ट अटैक के मामले सुबह के वक्त होते हैं. दरअसल, सुबह के समय ब्लड प्रेशर बढ़ा होता है. सुबह ब्लड क्लॉटिंग टेंडेंसी भी ज्यादा होती है. ऐसे में अगर किसी की कोरोनरी आर्टरी में पहले से ब्लॉकेज है तो उसे खतरा दोगुना होगा. अगर रात में ठीक से नींद न आई हो, शरीर में पानी की कमी हो तो ज्यादा हार्ड एक्सरसाइज करते वक्त धमनियों में ब्लड क्लॉटिंग बढ़ सकती है. क्योंकि एक्सरसाइज कर रही बॉडी की एक्सट्रा ऑक्सीजन की डिमांड पूरी नहीं होती और यहीं से मामला सीरियस हो जाता है.

जिम जाने से पहले क्या जांच है जरूरी
ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल की जांच के साथ ही कोरोनरी एंजियोग्राफी करानी करानी चाहिए.अगर समस्या है तो रोजाना 30 से 45 मिनट की लाइट एक्सरसाइज ही ठीक है. इससे ज्यादा करने पर बॉडी पर बुरा असर पड़ता है.

जिम में किसी एक बॉडी पार्ट्स पर फोकस से भी खतरा
जिम जाने वाले अक्सर अपर बॉडी पर फोकस करते हैं. इसके मुकाबले लोअर लिम्ब्स या लोअर बॉडी पर अगर आप फोकस नहीं करते हैं तो ये पार्ट कमजोर होगा. ऐसे में वजन बढ़ने पर बॉडी बैलेंस गड़बड़ होगा. टांगों और रीढ़ की हड्डी पर दबाव बढ़ेगा. इससे लोअर लिंब्स की मसल्स कमजोर होकर सारा प्रेशर घुटनों पर आता है और  धीरे-धीरे घुटनों की गैपिंग कम होती जाएंगी. घुटने आपस में घिसने लगते हैं. ऑस्टियोआर्थराइटिस हो सकता है. पैरों के तलवों में भी दिक्कत शुरू हो जाती है. पैर के पंजों में आर्च होते हैं जो गड़बड़ाने लगते हैं. ये ‘आर्चेज ऑफ फुट’ की समस्या होती है.

हार्ट पर किस एक्सरसाइज से ज्यादा दबाव पड़ता है कार्डियो या वेट ट्रेनिंग?

हार्ट पर कार्डियो और वेट ट्रेनिंग दोनों का असर पड़ता है. हैवी वेट लिफ्टिंग से हॉर्निया की प्रॉब्लम हो सकती है. आपको खास किस्म की हार्निया हो सकती है. जिम जाने वालों का लिपिड प्रोफाइल सही होना जरूरी है. खास तौर पर ट्राईग्लिसराइड लेवल और कोलेस्ट्रॉल लेवल नॉर्मल हो. तो जिम में एक्सरसाइज के दौरान हार्ट को कोई प्रॉब्लम नहीं होगी. डाइट में पोटैशियम की ज्यादा मात्रा होनी चाहिए, क्योंकि इससे हार्ट में कॉन्ट्रैक्शन सही रहता है. हार्ट मजबूत बना रहता है.

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कब होती है अटैक की आशंका

  • एक्सरसाइज के दौरान बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है. ऐसी स्थिति में खून के थक्के तेज ब्लड सर्कुलेशन की वजह से पंप होकर पैरों से हार्ट में पहुंच जाते हैं. जिससे अचानक ब्लॉकेज या थ्रांबोएंबोलिज्म का खतरा होता है.
  • जिम जाएं तो सबसे पहले बॉडी वॉर्मअप करें फिर एक्सरसाइज, वेट लिफ्टिंग या कार्डियो करें.
  • जिम अचानक नहीं छोड़ना चाहिए. अचानक जिम छोड़ते हैं तो एक से चार सप्ताह के बीच में आपका शरीर सुस्त पड़ने लगता है और मसल्स सिकुड़ने लगती हैं जिससे शरीर में दिक्कतें पैदा होती है.
  • मसल्स कमजोर तो होंगी ही, साथ में फैट सेल्स तेजी से बढ़ेंगे. बॉडी में फैट जमा होनी लगेगा और पहले से ज्यादा सुस्ती और थकान महसूस होगी. हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और बीमारियां घर कर सकती हैं.
  • जिम छोड़ने के बाद ब्रिस्क वॉक और हल्की एक्सरसाइज को अपने रूटीन का हिस्सा बनाए रखें. साथ ही डाइटीशियन की सलाह से अपनी डाइट बदलें.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें।) 

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