डीएनए हिंदी: विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने मंकीपाॅक्स को लेकर अहम घोषणा कर दी है. अब एमपाॅक्स यानी मंकीपाॅक्स ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं है. इसका ऐलान महानिदेशक टेड्रोस एडहानोम ग्रेब्रेयेसस ने किया है. उन्होंने गुरुवार को ऐलान किया कि हाल ही की मुलाकात में मुझे पता लगा कि एमपाॅक्स का खतरा अब टल चुका है. हालांकि अभी इसको लेकर कुछ जगहों पर स्वास्थ्य चुनौतियां बनी हुई है. इसे निपटने के लिए काम किया जा रहा है.
दरअसल, एमपाॅक्स के लगातार मामले सामने आने पर डब्ल्यूएचओ ने जुलाई 2022 में इसे ग्लोबल कंसर्न मानते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. यह बीमारी कोरोना के बीच दुनिया में तेजी से फैलने वाली बीमारी थी. इसके एक के बाद एक हजारों मामले सामने आए थे. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि पिछले तीन महीनों में एमपाॅक्स के केस 90 प्रतिशत घट गए हैं. दुनिया पर 8 मई तक इसके कुल केस 87000 हजार रहे हैं, जो पिछले साल के मुकाबले बेहद कम हैं.
कोविड को भी किया गया था बाहर
पिछले कुछ सालों में कोरोना महामारी के मामलों में कटौती के बाद हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने इसे ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी से बाहर कर दिया था. इसके बाद एमपाॅक्स के मामलों आई गिरावट से दुनिया भर के लोगों ने राहत की सांस ली है. हालांकि इन दोनों ही बीमारियों का खतरा अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. पिछले ही कुछ सालों में देखा गया है कि यह वायारस धीरे धीरे कर फैलते रहते हैं, जिसकी चपेट में आने लोगों की जान भी जाती है. इनसे बचाव के लिए जारी एडवाइजरी को फाॅलो करना ही बचने का एक बेहतर विकल्प है.
सभी देशों से की गई ये अपील
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ट्रेड्रोस ने एमपाॅक्स को ग्लोबल इमरजेंसी से बाहर करने के ऐलान के साथ ही सभी देशों से टेस्टिंग कैपेसिटी बनाए रखने की अपील की है. इसमें उन्होंने कहा कि आकलन करें और जरूरत पड़ने पर तुरंत कार्रवाई करें. स्वास्थ्य कार्यक्रमों में एमपाॅक्स की रोकथाम और देखभाल की सिफारिश की है.
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