क्यों पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है Stroke का खतरा? जानें कारण

Written By Abhay Sharma | Updated: Nov 01, 2024, 01:04 PM IST

Stroke In Women 

Stroke In Women: यहां जानें महिलाओं में पुरुषों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा क्यों ज्यादा होता है और इसके पीछे का कारण क्या है, ताकि आप समय रहते इस बीमारी को कंट्रोल में रख सकें. 

अक्सर काम के बोझ, घर परिवार की बढ़ती जिम्मेदारी के बीच महिलाएं अपनी सेहत का ध्यान कम रख पाती हैं. लेकिन, हर महिला के लिए सेहत और अपने शरीर का खास ख्याल रखना बेहद जरूरी है. हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक हाल ही के कुछ सालों में स्ट्रोक के मामलों में बढ़ोतरी हुई है, चिंता की बात ये है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रोक (Stroke) का खतरा ज्यादा होता है. 

ऐसे में आइए जानते हैं महिलाओं में (Women Health) पुरुषों की तुलना में स्ट्रोक का खतरा क्यों ज्यादा होता है और इसके पीछे का कारण क्या है, ताकि आप समय (How To Control Stroke) रहते इस बीमारी को कंट्रोल में रख सकें. 

मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है स्ट्रोक
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्ट्रोक दुनिया भर में होने वाली मौतों का एक प्रमुख कारण है और अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन के अनुसार यह महिलाओं में मृत्यु का तीसरा प्रमुख कारण है, यानी इससे पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मृत्यु अधिक होती है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि गर्भावस्था में या गर्भनिरोधक गोलियों के उपयोग के कारण होने वाले हार्मोनल परिवर्तन से पुरुषों की तुलना में महिलाओं में स्ट्रोक होने का खतरा अधिक देखने को मिलता है.

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इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर और हृदय संबंधी रोग जैसे कि एट्रियल फिब्रिलेशन, अनियमित हृदय धड़कन के साथ प्रदूषण भी अन्य प्रमुख जोखिम कारकों में से एक हैं. इतना ही नहीं माइग्रेन से जूझ रही महिलाओं में गर्भनिरोधक जैसे कारकों के साथ स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है. इसके अलावा गर्भावस्था की एक जटिलता प्रीक्लेम्पसिया स्ट्रोक के जोखिम को दोगुना कर देती है, जिसपर शायद ही कभी ध्यान दिया जाता है.

क्या दिखते हैं इसके लक्षण? 
एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिलाओं में अक्सर असामान्य या कम पहचाने जाने वाले स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे सकते हैं और इन लक्षणों में थकान, सामान्य कमजोरी, भ्रम मतली और उल्टी जैसी समस्याएं शामिल हैं. ऐसे में इस बीमारी का पता चलने और इसके इलाज में देरी हो जाती है.

इसके अलावा बोलने में कठिनाई होना, अचानक कमजोरी और चेहरे का लटकना जैसे सामान्य लक्षण महिला और पुरुष दोनों में ही नजर आ सकते हैं. ऐसी स्थिति में चक्कर आना, थकान, मतली और यहां तक कि हिचकी के रूप में भी इसके लक्षण छिपे होते हैं. ऐसे ह असामान्य लक्षणों के कारण आमतौर पर इसके इलाज में देरी हो जाती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)  

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