डीएनए हिंदीः ठंड के मौसम (Winter) में डायबिटीज (Diabetes) से लेकर हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) और यूरिक एसिड (Uric Acid) की समस्या बढ़ जाती हैं लेकिन कुछ चीजें ऐसी हैं जो आसानी से इसे कंट्रोल कर सकती हैं. खानपान में कंट्रोल कर इन बीमारियों को आसानी से काबू में रखा जा सकता है.
यहां आपको एक ऐसे हरे और स्वादिष्ट पत्ते (Green Leafy Vegetable) के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे खाने से या उसका अर्क पीने (Extrect) से ब्लड शुगर लेवल तुरंत डाउन (Down Blood Sugar) हो जाता है. ये पत्ता है सोआ (Soya Aka Dill). सोआ इंसुलिन के फ्लेक्चुएशन (Insulin Flectuation in Blood) को तुरंत कंट्रोल करता है. इस पत्ते का अर्क कई हार्मोनल डिजीज (Hormonal Diseases) में काम आता है. थायराइड (Thyriod)से लेकर यूरिक एसिड और नसों में जमी वसा को पिघलाने (Melt Fat In Blood) में भी ये बेहद कारगर माना गया है.
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सोआ को सरसों, मेथी या पालक में मिक्स कर खाया जाता है. कई बार इसकी चटनी भी बनाई जाती है. इसका अपना एक अलग स्वाद और खुशबू होती है. इसे किसी भी रूप में अगर डाइट में शामिल किया जाए तो ये कई तरह की समस्या को दूर कर सकता है. आयुर्वेद में सोआ का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है- यह एक बारहमासी जड़ी बूटी है के तौर पर जाना जाता है. इसमें एंटी डायबिटीज के गुण पाए जाते हैं.
सोआ की पत्तियों के गुण
सोआ में विटमिन्स से लेकर मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. साथ ही यह फ्लेवनॉइड्स का एक अच्छा स्रोत भी है और इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, फोलेट और कैल्शियम होता है. सोआ ब्लड में सीरम लिपिड्स और इंसुलिन के घटते-बढ़ते स्तर को रेग्युलेट करता है, जिसे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है. सोआ में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जो इंसुलिन ही नहीं थॉयराक्सिन हार्मोन को भी एक्टिवेट करने का काम करते हैं. इससे थॉयराइड कि दिक्कत भी दूर होती है. ये पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करते हैं. इसके अलावा यह डायरिया में भी मदद करता है. इसमें मोनोटर्पीन्स और फ्लेवनॉइड्स होते हैं जो डायरिया फैलाने वाले कीटाणुओं को जड़ से सफाया कर देते हैं.इस वजह से इसे हड्डियों की मजबूती के लिए फायदेमंद माना जाता है.
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हाई कोलेस्ट्रॉल और आर्थराइटिस में भी इसे खाना है लाभकारी
आर्थराइटिस और हाई कोलेसट्रॉल में भी सोआ दवा की तरह काम करता है. ये नसों की ब्लॉकेज को खोलने के साथ ही ब्लड में फैट को जमने नहीं देता और जोड़ों में क्रिस्टल के रूप में जमा यूरिक एसिड को भी यूरिन के जरिये बाहर करता है. इससे जोड़ों का दर्द भी दूर होता है.
कैंसर से लेकर पीरियड्स की समस्या तक में है दवा
इसे कैंसर के इलाज में कारगर माना गया है. कई स्टडीज में दावा किया गया है कि इसमें कुछ ऐंटी-कैंसर प्रॉपर्टीज होती हैं जो कैंसर को दूर रखती हैं. ज्यादातर महिलाएं अनियमित माहवारी से ग्रस्त होती हैं. वे महिलाएं अगर सोआ का सेवन करें तो उनकी पीरियड साइकल रेग्युलर हो जाती है. इसमें मौजूद तत्व हॉर्मोंन्स का बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं.
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सोआ में ऐंटी-ऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स और फ्री रैडिकल्स को फ्लश आउट करने में मदद करती हैं. इस वजह से हार्ट डिजीज से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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