डिप्रेशन (Depression) एक ऐसी समस्या है, जो व्यक्ति को महसूस करने, सोचने और कार्य करने के तरीके को नकारात्मक रूप (Depression Effects) से प्रभावित करती है. ऐसी स्थिति में मरीज ज्यादातर समय उदास रहता है. कई लोग ये समस्या सर्दियों के दिनों में महसूस करते हैं. दरअसल, ठंड का मौसम आते ही मन का उदास हो जाना कोई मिथक नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक सच्चाई है, जिसे सीजनल अफेक्टिव डिप्रेशन (Seasonal Affective Depression) कहा जाता है. आइए जानते हैं सीजनल अफेक्टिव डिप्रेशन है क्या और इसके लक्षण व बचाव के उपाय क्या हैं?
क्या है Seasonal Affective Depression 'SAD'?
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक जैसे-जैसे ठंड का मौसम शुरू होता है, कई लोग मौसमी अवसाद महसूस करने लगते हैं और इस स्थिति में लोगों के मन में पैनिक, चिंता और डर जैसी भावनाएं पैदा होने लगती हैं. बता दें कि 'SAD' आमतौर पर पतझड़ के मौसम में शुरू होता है और वसंत में कहीं जाकर कम होता है. इसके अलावा दिन का उजाला होने का वक्त बदलना इस तरह के अवसाद को बढ़ाने का काम करता है.
क्यों होती है ये समस्या?
एक स्टडी के मुताबिक, हमारी आंखों में विशेष कोशिकाएं नीली रोशनी के प्रति प्रतिक्रिया करती हैं, जो मूड और सतर्कता को प्रभावित करने का काम करती है. इसके अलावा कुछ लोगों की नीली रोशनी के प्रति संवेदनशीलता सर्दियों में कम होती है, जो उनके अवसाद के लक्षणों को बढ़ाती हैं. हालांकि इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है, कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि कम धूप और छोटे दिन इसका कारण हो सकते हैं..
क्या दिखते हैं इसके लक्षण?
- हर समय उदासी या अवसाद महसूस होना
- चिंता
- कार्बोहाइड्रेट की लालसा और वजन बढ़ना
- थकान और ऊर्जा में कमी
- मन में निराशा या बेकारपन की भावना आना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना
- चिड़चिड़ापन या उत्तेजना
- अंग का भारी महसूस होना
- आनंददायक गतिविधियों में रुचि की कमी आना
- नींद से जुड़ी समस्याएं होना
क्या करें?
अगर आपको Seasonal Affective Depression के ये लक्षण महसूस होते हैं तो हर रोज सुबह 8 बजे से पहले करीब 30 मिनट तक प्रकाशित महौल में रहें, दरअसल, इससे ग्रस्त लोगों के लिए लाइट थेरेपी काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होता है. इसके अलावा कुछ लोगों को सुबह के वक्त टहलने या बागवानी करने से भी इससे लाभ मिलता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से परामर्श करें.)
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