Arthritis Symptoms: क्यों महिलाओं को ज्यादा होती है यह बीमारी, गठिया के लक्षण और इलाज, जानिए सब कुछ

Written By सुमन अग्रवाल | Updated: Oct 12, 2022, 05:32 PM IST

Arthritis की बीमारी महिलाओं को क्यों ज्यादा होती है और क्या हैं इसके लक्षण, कितने प्रकार के होते हैं गठिया के रोग, जानिए सब कुछ यहां

डीएएनए हिंदी: Women Arthritis Symptoms and Remedies- गठिया यानी अर्थराइटिस (Arthritis) इस बीमारी से तो आप सब परिचित हैं क्योंकि हर किसी के घर में कोई ना कोई आजकल इस बीमारी का शिकार है. पहले कहा जाता था कि गठिया का दर्द केवल बुजुर्गों को होता है जब उम्र बढ़ जाती है लेकिन यह सच नहीं है.

आजकल की लाइफस्टाइल और खान पान ने युवाओं को भी इस बीमारी की चपेट में ले लिया है. डॉक्टर्स बताते हैं कि महिलाओं में अर्थराइटिस (Women Arthritis) ज्यादा देखने को मिल रही है. खासतौर पर वो महिलाएं जो घर और ऑफिस दोनों जगह काम करती हैं उन्हें यह शिकायत ज्यादा रहती है. 


क्या है अर्थराइटिस (What is Arthritis in Hindi) 

इस बीमारी में आपके शरीर की हड्डियों में काफी दर्द और अकड़न रहती है. जोड़ों में दर्द,(Joint Pain) सॉफ्ट टिश्यूज में दर्द रहता है. वैसे तो हाथ और पैर की ऊंगलियों में भी अकड़न रहती है लेकिन सुबह के समय यह दर्द ज्यादा रहता है. यह शिकायत किसी भी जोड़ से शुरू हो सकती है. समय के साथ यह बढ़ता जाता है इसलिए तुरंत इसका इलाज करवाना जरूरी है वरना पैर हाथ टेड़े होने लगते हैं. जिनका वजन ज्यादा  है उन्हें यह बीमारी जल्दी पकड़ती है. शरीर की मांसपेशियों में भी दर्द शुरू हो जाता है. 


गठिया रोग के कारण (Causes of Arthritis in Hindi) 

गठिया रोग एक स्व-प्रतिरक्षित रोग है, इसका मतलब है आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली जो आमतौर पर संक्रमण से लड़ती है वह गलती से उन कोशिकाओं पर हमला करती है जो आपके जोड़ों को जोड़कर रखती है, जिससे जोड़ों में सूजन,अकड़न और दर्द होता है. इसी कारण कुछ समय के बाद जोड़ों, नरम हड्डी और आसपास की हड्डी को नुकसान पहुंचाती है.

अगर आप एक महिला हैं तो इस बीमारी का डर आपको ज्यादा है, अगर आपके परिवार में किसी को यह बीमारी है आप एक स्त्री हैं, आपके परिवार में पहले किसी को गठिया रोग है तो आपको भी इसकी संभावना हो सकती है. अगर ज्यादा नशीले पदार्थों का सेवन करती हैं तो आपको गठिया हो सकता है. 

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लक्षण (Symptoms of Arthritis in Hindi)

दर्द

गठिया रोग से होने वाला जोड़ों का दर्द अकसर लगातार और चुभने वाला दर्द है. यह अक्सर सुबह के समय या फिर लंबे समय तक एक जगह बैठे रहने के बाद अधिक हो जाता है

जकड़न

गठिया रोग से प्रभावित जोड़ों में जकड़न महसूस की जा सकती है. उदाहरण के लिए अगर असर आपके हाथों पर पड़ा है, तो संभवत: आप पूरी तरह से अपनी उंगलियां नहीं मोड़ सकते या मुट्ठी नहीं बना सकते हैं।

जोड़ों के दर्द की तरह ही जकड़न अक्सर सुबह के समय या फिर लंबे समय तक बैठे रहने के कारण होती है. ऑस्टियो आर्थराइटिस नामक गठिया से होने वाले जोड़ों का दर्द उठने के 30 मिनट के भीतर बंद हो जाता है लेकिन गठिया रोग से होने वाली सुबह की जकड़न अक्सर इससे अधिक समय तक रहती है

सूजन, गरमी और लाल हो जाना

गठिया रोग से प्रभावित जोड़ों की परत लाल हो जाती है, जिसके कारण जोड़ सूज कर गर्म हो जाते हैं और छूने पर नरम महसूस होते हैं।

कुछ लोगों में प्रभावित जोड़ों के आसपास की त्वचा के नीचे गठिया ग्रंथि या कड़ी सूजन बढ़ने लगती है.


गठिया रोग के कुछ प्रकार (Types of Arthritis) 

वैसे तो गठिया रोग के लगभग 100 से भी ज़्यादा प्रकार हैं जिस वजह से विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन यहां हम आपको कुछ मुख्य प्रकार से परिचित कराएंगे

1.ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) 


यह गठिया रोग के सबसे आम रूप में गिना जाता है. ऐसी अवस्था में व्यक्ति के जोड़ों में दर्द और सूजन के साथ-साथ हिलने ढुलने की गति पर भी असर पड़ता है. ऑस्टियो आर्थराइटिस हमारे जोड़ों के कार्टिलेज पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और धीरे-धीरे कार्टिलेज टूटना शुरू हो जाते हैं।

2. रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)


इस प्रकार के आर्थराइटिस से हमारे जोड़ों की परत को हानि होती है. रूमेटॉइड आर्थराइटिस में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्युनिटी सिस्टम) अपने ही शरीर के ऊतकों पर हमला कर देती है. जोड़ों की परतों को क्षति पहुंचने की वजह से जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएं हो जाती हैं

3. गाउट (Gout)

गाउट का दूसरा नाम वातरक्त भी है जो हमारे पैरों पर प्रभाव डालता है. इस तरह की परिस्थिति में जोड़ों में दर्द और सूजन की अनुभूति होती है, खासतौर से बड़े पैर के अंगूठे में दर्द होता है. पैर में अचानक दर्द होना गाउट का एक लक्षण है

4. सेप्टिक आर्थराइटिस (Septic Arthritis)

इसे इंफेक्शियस आर्थराइटिस (Infectious Arthritis) भी कहा जाता है जो कि जोड़ों के ऊतकों और तरल पदार्थ का संक्रमण है. सेप्टिक आर्थराइटिस बच्चों में भी पाया जाता है और इसके होने के मुख्य कारण रक्षा तंत्र का कमज़ोर होना है।

5. एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis)

इस तरह का गठिया रोग वैसे को किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है लेकिन ज़्यादातर यह रीढ़ की हड्डी में होता है. ऐसी अवस्था में व्यक्ति को आराम करते समय या रात को सोते समय भी कमर दर्द की समस्या हो जाती है।

6. जुवेनाइल इडियोपेथिक आर्थराइटिस (Juvenile Idiopathic Arthritis)


यह एक ऐसे प्रकार का गठिया रोग है जो बच्चों में पाया जाता है. ऐसी अवस्था में हाथ, घुटनों, टखनों, कोहनियों, और कलाई में दर्द या सूजन की शिकायत देखने को मिलती है . हालांकि यह शरीर के अन्य अंगों पर भी अपना प्रभाव डाल सकता है

7. रिएक्टिव आर्थराइटिस (Reactive Arthritis)

इस तरह के गठिया रोग में व्यक्ति के जोड़ों, आंखों, त्वचा और मूत्रमार्ग प्रभावित होते हैं. आमतौर पर रिएक्टिव आर्थराइटिस का प्रभाव 20 से 40 वर्ष के लोगों के बीच में दिखाई देता है और ज़्यादातर पुरूषों में इसकी समस्या देखने को मिलती है

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उपचार (Treatment of Arthritis in Hindi)

दर्द कम करने वाली दवाईयां, नाॅन स्टीराॅयडल एंटी-इंफ्लेमेट्री दवाईयां, काउन्टर इरिटेन्टस्, आदि लेनी पड़ती है. इसके अलावा शारीरिक चिकित्सा का इस्तेमाल गठिया रोग के इलाज के लिए किया जा सकता है.

वैसे तो इस बीमारी का इलाज अगर होमियोपैथी या आर्युवेद में किया जाए तो बेहतर है क्योंकि एलोपैथिक दवाओं से इसके दर्द को भले ही दबा दिया जाता है लेकिन फिर से यह बाहर निकलकर आता है. 

इस बीमारी को ज्यादा गंभीर तरीके से समझने के लिए कई तरह के टेस्ट करवाए जाते हैं. सीटी स्कैन, एक्सरे और ज्यादा जरूरत पड़ने पर एमआरआई भी होती है 

खान पान और लाइफस्टाइल से भी आप इस बीमारी पर काफी हद तक काबू पा सकते हैं 
एक्सरसाइज और योगा से आपको इसमें काफी मदद मिलती है. 

कई बार तो ऐसी हालत हो जाती है कि आपको सर्जरी की जरूरत पड़ जाती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.) 


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