डीएनए हिंदी: Natural Remedies For Hormonal Imbalance In Females- हार्मोनल असंतुलन तब होता है जब शरीर में एक हार्मोन बहुत अधिक या बहुत कम होता है. यानी जब एक या एक से अधिक हार्मोन शरीर के केमिकल मैसेंजर, बहुत अधिक या अपर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं, तो ऐसी स्थिति में हार्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) होता है. हार्मोन ऐसे पदार्थ होते हैं जो कई शारीरिक कार्यों को कॉर्डिनेट करने के लिए खून के जरिए अंगों, त्वचा, मांसपेशियों और अन्य टिश्यू के साथ कन्वर्सेशन करते हैं. ये संदेश आपके शरीर को निर्देश देते हैं कि आपको क्या और कब करना है. इसलिए जीवन और तंदुरूस्ती दोनों के लिए हार्मोन जरूरी हैं.
मानव शरीर में लगभग 50 हार्मोन्स पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के कई कार्यों को कंट्रोल करते हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे चीजों के बारे में बताने वाले हैं, जिसकी मदद से आप अपने शरीर के हार्मोन लेवल को कंट्रोल में रख सकते हैं.
अच्छे हार्मोन लेवल को बनाए रखने के लिए करें ये उपाय (Ways To Maintain Good Hormone Levels)
अनहेल्दी कार्ब्स को हेल्दी फैट के साथ करें स्वैप
हार्मोन का उत्पादन करने के लिए शरीर को सेचुरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल सहित कई प्रकार के फैट की जरूरत होती है. ये जरूरी फैट हार्मोन के संश्लेषण के लिए मौलिक बिल्डिंग ब्लॉक्स के रूप में कार्य करते हैं और सूजन को कम करते हैं. ये मेटाबॉलिज्म को गति देते हैं और वजन घटाने में मदद करते हैं. इसके अलावा प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट सूजन का कारण बनते हैं और आपके हार्मोन के बैलेंस को बाधित कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें- Women Health Tips: रोजाना लें हल्दी वाला दूध, महिलाओं को नहीं हो सकती टाइप 2 डायबिटीज
पूरी नींद लें
हार्मोनल संतुलन को बरकरार रखने के लिए सबसे जरूरी तत्वों में से एक है नींद. क्योंकि, खराब नींद की वजह से कुछ हार्मोन के लेवल में उतार-चढ़ाव हो सकता है. ऐसे में नींद की गड़बड़ी हार्मोन को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. जिससे भूख, डायबिटीज और मोटापे की समस्या हो सकती है. इसलिए पूरी नींद लें. क्योंकि, बिना किसी रुकावट के नियमित रूप से पूरी रात की नींद लेने से शरीर में हार्मोन लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
अच्छा मानसिक स्वास्थ्य
तनाव और हार्मोन लेवल के बीच एक मजबूत संबंध है, क्योंकि तनाव भी अंतःस्रावी प्रतिक्रिया का कारण बन सकता है. क्योंकि, तनाव में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल का लेवल बढ़ता है. इसलिए जब ये हार्मोन लेवल बहुत अधिक होता है, तो शरीर का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाता है. जिससे मोटापा, मिजाज और यहां तक कि हृदय संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं.
चीनी से करें परहेज
इसके अलावा शुगर (चीनी) मेटाबॉलिज्म संबंधी बीमारी और इंसुलिन रेजिस्टेंस सहित समस्याओं में योगदान करती है. ऐसे में डाइटरी शुगर को कम करने से हार्मोन लेवल विशेष रूप से इंसुलिन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. इसलिए अतिरिक्त शक्कर से परहेज करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
यह भी पढ़ें- क्या आप भी व्हाइट डिसचार्ज से हैं परेशान, ये है घरेलू उपाय
पर्याप्त मात्रा में लें प्रोटीन
डाइट में पर्याप्त प्रोटीन होना भी जरूरी है. क्योंकि एनर्जी मेटाबॉलिज्म, भूख, तनाव और प्रजनन सहित कई शारीरिक कार्यों को पेप्टाइड हार्मोन द्वारा जरूरी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है. प्रोटीन का सेवन भूख और भोजन के सेवन को नियंत्रित करने वाले हार्मोन को प्रभावित करता है और यह आपके मस्तिष्क को एनर्जी लेवल के बारे में सूचित करता है.
सक्रिय रहें
फिजिकल एक्टिविटी से हार्मोनल स्वास्थ्य पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. व्यायाम हार्मोन रिसेप्टर संवेदनशीलता को बढ़ाकर मांसपेशियों में ब्लड फ्लो को बढ़ाने के अलावा पोषक तत्वों और हार्मोन संकेतों के ट्रांसपोर्टेशन में सुधार करता है. इसके अलावा इंसुलिन लेवल को कम करने और इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ावा देने के लिए व्यायाम बेहद जरूरी है. क्योंकि इंसुलिन नामक हार्मोन कोशिकाओं को फ्यूल के रूप में उपयोग करने के लिए ब्लडफ्लो शुगर को अवशोषित करने में सक्षम बनाता है.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.