World COPD Day: बढ़ते प्रदूषण से बढ़ रहा इस घातक बीमारी का खतरा, जानें बचाव का क्या है सही तरीका

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Nov 15, 2023, 09:05 AM IST

बढ़ते प्रदूषण से बढ़ रहा इस घातक बीमारी का खतरा, जानें बचाव का क्या है सही तरीका

World COPD Day 2023 Date: COPD यानि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज का खतरा प्रदूषण के कारण बढ़ जाता है, ऐसे में समय रहते इसके लक्षणों को पहचान कर इसका इलाज शुरू कर देना चाहिए...

डीएनए हिंदीः दिल्ली समेत देश के कई अन्य हिस्सों में प्रदूषण के कारण हवा काफ़ी जहरीली हो गई है, जिसकी वजह से लोग कई तरह की गंभीर बीमारियों की चपेट में (World COPD Day 2023 Date) आ रहे हैं. ख़ासतौर पर अगर आप पहले से ही COPD यानि सांस से संबंधित किसी बीमारी के शिकार रहे हैं तो यह दूषित हवा आपकी जटिलताओं (Air Polution) को कई गुना तक बढ़ाने वाली हो सकती है. इसलिए अगर आपको इन बीमारियों से बचे रहना है तो जहरीली हवा से खुद को जितना हो सके बचाए रखें और इससे जुड़ी अन्य सावधानियां बरतें. बता दें कि COPD यानि क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज उन बीमारियों के समूह को संदर्भित करता है जो वायु प्रवाह में रुकावट (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) और सांस लेने से संबंधित समस्याओं का कारण बनती है. आइए जानते हैं इसके बारे में...

क्यों मनाया जाता है सीओपीडी डे (COPD Day 2023)

वैश्विक स्तर पर सीओपीडी के बढ़ते मामलों के बारे में लोगों को अलर्ट करने और बचाव के उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल नवंबर माह के तीसरे बुधवार को वर्ल्ड सीओपीडी डे मनाया जाता है. इस बार यह 15 नवंबर को मनाया जाएगा. 

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क्या है सीओपीडी? (What Is COPD)

सीओपीडी फेफड़ों की गंभीर बीमारी है जो वायु प्रवाह में बाधा उत्पन्न करती है और इसके लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, खांसी, बलगम का अधिक उत्पादन होने और घरघराहट जैसी दिक्कतें शामिल हैं. बता दें कि यह आम तौर पर गैसों या प्रदूषण के कणों के संपर्क में रहने के कारण अधिक होती है.

इसके अलावा सिगरेट पीना या इसके धुएं से भी यह रोग होता है. इतना ही नहीं सीओपीडी वाले लोगों में हृदय रोग, फेफड़ों के कैंसर और कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों के विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है.

वायु प्रदूषण से सीओपीडी का खतरा (Air Polution COPD)

सीओपीडी के बढ़ते मामलों के जोखिमों के लिए वायु प्रदूषण एक बड़ा कारण माना जाता रहा है. कुछ प्रकार के वायु प्रदूषक फेफड़ों में गहराई तक जाकर सूजन पैदा करते हैं और अगर आपको अस्थमा है तो वायु प्रदूषण इसको भी ट्रिगर करता है. इतना ही नहीं जब जब प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, तो अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) सहित फेफड़ों की समस्याओं वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ जाती है.  बता दें कि वायु प्रदूषण का अल्पकालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार के संपर्क के कारण इन स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा हो सकता है.

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कैसे करें सीओपीडी से बचाव? (COPD Treatment)

आमतौर पर सीओपीडी के अधिकांश मामले सीधेतौर पर सिगरेट पीने से संबंधित होते हैं और इससे बचाव का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान बंद कर देना है. बता दें कि इसके अलावा वायु प्रदूषण के कारण भी यह रोग विकसित होती है, इसलिए हमेशा प्रदूषित हवा में जाने से बचना चाहिए. साथ ही धूल और प्रदूषण वाले इलाकों में जाते समय मास्क जरूर पहनें. सबसे जरूरी बात श्वसन संक्रमणों के जोखिम को कम करने के लिए वार्षिक फ्लू टीकाकरण और निमोनिया का टीकाकरण जरूर करवाएं. बता दें कि सांस से जुड़े एक्सरसाइज व्यायाम करने से भी फेफड़ों को स्वस्थ रखने और इस तरह की समस्याओं से बचाव में मदद मिलती है.

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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