डीएनए हिंदीः पिछले कुछ सालों में दुनियाभर में मधुमेह (Sugar) या डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिनमें भारत की स्थिति काफी भयावह है. बता दें कि डायबिटीज के मरीजों के मामले में भारत का दूसरा स्थान है. यह एक ऐसी बीमारी है जो जीवनभर पीछा नहीं छोड़ती है और ये किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित करती है. डायबिटीज के कई रूप हैं और इनमें से डायबिटीज टाइप 2 (Diabetes Type 2) सबसे आम है. डायबिटीज को कंट्रोल मे रखने के लिए लाइफस्टाइल और खानपान का खास ध्यान रखना बहुत ही जरूरी है. हर साल 14 नवंबर को लोगों में डायबिटीज के प्रति जागरूकता लाने के लिए वर्ल्ड डायबिटीज डे (World Diabetes Day 2023) मनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाने के पीछे एक खास वजह है, आइए जानते हैं इसके बारे में...
डायबिटीज डे 14 नवंबर को ही क्यों मनाते हैं
डायबिटीज एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो कुछ स्थितियों में जानलेवा भी हो सकती है. ऐसे में वैश्विक स्तर पर लोगों को मधुमेह के लिए जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल एक खास थीम के साथ मधुमेह दिवस मनाया जाता है. बता दें कि 1991 में संयुक्त राष्ट्र ने पूरी दुनिया में विश्व मधुमेह दिवस मनाने का फैसला लिया था.
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दरअसल 1992 में सर फ्रेडरिक बैंटिंग ने चार्ल्स बेस्ट के साथ मिलकर इंसुलिन की खोज की थी और सर फ्रेडरिक बैंटिंग का जन्मदिन 14 नवंबर को मनाया जाता है. ऐसे में इंसुलिन की खोज की उपलब्धि के लिए और सर फ्रेडरिक बैंटिंग को याद रखने के लिए हर साल 14 नवंबर को यानि उनके जन्मदिन के मौके पर डायबिटीज दिवस मनाया जाने लगा.
क्या है मधुमेह दिवस 2023 की थीम और इसका महत्व
हर साल मधुमेह दिवस की एक खास थीम होती है और इस साल डायबिटीज दिवस 2023 की थीम 'एक्सेस टू डायबिटीज केयर' (Access To Diabetes Care) है. इसका अर्थ डायबिटीज के मरीजों की देखभाल पर खास ध्यान से है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य मधुमेह के बारे में जागरूकता फैलाने के साथ लोगों के पास डायबिटीज से लड़ने की हेल्थ केयर सुविधा है या नहीं इस बारे में भी जानकारी प्राप्त कर इस गंभीर बीमारी से लड़ने के लिए तैयार करना है.
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जानें क्या हैं डायबिटीज के लक्षण
- सामान्य से अधिक प्यास लगना
- बार-बार पेशाब आने की समस्या
- बेवजह वजन का कम होना
- पेशाब में कीटोन्स की मात्रा का बढ़ना
- हमेशा कमजोरी और थकान महसूस
- चिड़चिड़ापन होना और मूड में बदलाव
- धुंधला दिखने की समस्या
- चोट या जख्म जल्दी ठीक न होना.
- स्किन, गम और वैजाइनल जैसे इन्फेक्शन का जल्दी होना.
- बेहोशी आना और दौरा पड़ना
- व्यवहारिक बदलाव
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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