World Eyesight Day 2023: आंखों की रोशनी को कमजोर करती हैं ये गलतियां, इन आदतों को अपनाने से तेजी हो जाएगी नजर 

Written By नितिन शर्मा | Updated: Oct 12, 2023, 04:49 PM IST

आज के समय में घंटों मोबाइल, टीवी और लैपटॉप देखने की आदत व्यक्ति की आंखों को कमजोर कर रहा है. बहुत अधिक स्क्रीन टाइम होने की वजह से आंखों पर दबाव पड़ता है. इसे आंखों की रोशनी कमजोर हो जाती है.

डीएनए हिंदी: आंखें हमारे अंग के सबसे कोमल और नाजुक अंगों में से एक है. इनका सबसे ज्यादा ध्यान रखने की जरूरत है. आंखों की रोशनी चली जानें पर व्यक्ति अंधा हो जाता है. उसके सामने सब कुछ अंधेरे में बदल जाता है, लेकिन इसकी परवाह करें बगैर ज्यादातर लोग ऐसी गलतियां कर रहे हैं, जिसकी वजह से आंखों की रोशनी तेजी से कमजोर हो रही है. लोग अंधेपन ​के शिकार हो रहे हैं. इन गलतियों से बचाने और जागरूकता के लिए 12 अक्तूबर को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाता है. इसमें लोगों को आंखों के प्रति की जानें वाली गलतियों से अवगत कराने के साथ ही रोशनी बढ़ाने व आंखों का ध्यान रखनें के टिप्स दिए जाते हैं. 

आंखों की रोशनी कमजोर होने के पीछे आपकी कुछ गलत आदतों के अलावा शरीर में होने वाली बीमारियां हैं. इनमें डायबिटीज से लेकर आंखों की सूजन, विटामिंस की कमी, ग्लूकोमा होना है. इनमें आंखों की बीमारियां भी शामिल हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचाने के साथ दिन प्रतिदिन रोशनी को कमजोर कर देती हैं. वहीं आपकी खराब जीवनशैली भी आंखों की रोशनी छीन लेती हैं. आइए जानते हैं वो गलतियां, जो आपकी आंखों को खराब कर रही हैं. वहीं कुछ आदतों की मदद से रोशनी को सही किया जा सकता है. 

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खाने में पोषण की कमी

आज के समय में बच्चों से लेकर युवा पीढ़ी तक के लोग जंक फूड के बड़े शौकीन हैं. यह फूड  उन्हें स्वास्थ्य के साथ ही आंखों की हेल्थ के लिए नुकसानदायक होता है. यह आंखों की रोशनी को कमजोर बना देता है. ऐसे में इस फूड को डाइट से बाहर कर पौष्टिक पोषक तत्वों से भरपूर ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन सी, जिंक, विटामिन ई युक्त जैसे पदार्थों का सेवन करें. यह आपकी आंखों की रोशनी की समस्या को दूर कर देंगे. साथ ही डाइट में शामिल पीले और नारंगी फल व सब्जियां, पत्तेदार साग, अंडे, नट्स, आंखों की रोशनी को बढ़ाएंगे. 

बहुत देर तक स्क्रीन देखना

बच्चों से लेकर बड़ों तक ज्यादातर लोग अपने दिन का बहुत अधिक समय स्मार्टफोन से लेकर लैपटॉप तक की स्क्रीन देखने में लगाते हैं. इसे आंखों पर दबाव पड़ता है. लगातार घंटों मोबाइल स्क्रीन देखने की वजह से नजरें कमजोर हो जाती है. इसे चक्कर आने के साथ ही आंखों में धुंधलापन आने लगता है. इसे बचने के लिए कम से कम स्क्रीन देखें. 

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भूलकर भी न करें धूम्रपान

धूम्रपान आपके फेफड़ों के साथ ही गले और कैंसर के खतरे को बढ़ाता है. इसका असर आंखों पर भी पढ़ता है. सिगरेट में मौजूद हानिकारक चीजें मोतियाबिंद, डाबिटीज से लेकर रेटिनापैथी से जुड़ी बीमारियों को बढ़ाते हैं. यही वजह है कि सामान्य लोगों की तुलना में बहुत ज्यादा धूम्रपान करने वालों को अंधे होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है. 

आंखों में चश्मा और कांटेक्ट लेंस

अगर आपका पावर चश्मा लगा हुआ है और आप इसे नियमित रूप से इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं तो यह आपकी आंखों की रोशनी और भी कम हो सकती है. वहीं कॉटेक्ट लेंस को लगाकर सोने से नजर प्रभावित होती है. इसकी वजह आंखों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाना है, जिसे आंखों में धुंधलापन आने लगता है. 

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आंखों को बार बार मलना

आंखों को बार बार मलने, रगड़ने और खुजली करने से अंधेपन का खतरा बढ़ जाता है. इसकी वजह आंखों के नीचे ब्लड नर्वस को काफी नुकसान पहुंचता है. इसे नजर कमजोर हो जाती है. 

(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)

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