World Hepatitis Day: स्वास्थ्य मंत्री का बड़ा बयान, HIV से ज्यादा खतरनाक है हेपेटाइटिस

सुमन अग्रवाल | Updated:Jul 28, 2022, 06:24 PM IST

World Hepatitis Day पर Health Minister ने बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि देश में एचआईवी से ज्यादा हेपेटाइटिस खतरनाक है. जानिए उन्होंने आगे और क्या कहा. साथ ही WHO ने इसे लेकर क्या लक्ष्य तय किया है.

डीएनए हिंदी: विश्व हेपेटाइटिस दिवस (World Hepatitis Day 2022) के मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Health Minister) ने बहुत बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि भारत में हेपाटाइटिस से मरने वालों की संख्या एचआईवी एड्स (HIV Aids) से मरने वालों से ज्यादा है.

उन्होंने कहा कि देश में एड्स की तरह भयावह रूप से हेपेटाइटिस फैल रहा है और हेपेटाइटिस से मौत की सबसे बड़ी वजह यह है कि लोगों को इसके लक्षण और इस बीमारी की गंभीरता का अंदाजा नहीं है. इसलिए शुरुआती स्टेज में इसका पता नहीं चल पाता है और यह बीमारी घर कर लेती है. यही नहीं उन्होंने साफ कहा कि भारत की एक बड़ी आबादी इस बीमारी से लड़ रही है. 

क्या कहता है WHO

हालांकि विश्व को हेपेटाइटिस मुक्त बनाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2030 तक का लक्ष्य रखा है. संगठन ने बताया कि 21 अप्रैल तक बच्चों में हेपेटाइटिस के लगभग 170 नए मामले पाए गए हैं. इस साल इस बीमारी की सतर्कता के लिए एक थीम रखी गई है,विषय 2022-i can't wait,"मै इन्तजार नहीं कर सकता".

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विश्व में हेपेटाइटिस से सम्बंधित बीमारी से हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति की मृत्यु होती है, इसलिए अब इंतजार नहीं किया जा सकता है. अब इस बीमारी से मुक्ति पाने का समय आ गया है. आपको बता दें कि हेपेटाइटिस के पांच प्रमुख स्ट्रेन हैं जैसे-ए, बी, -सी, डी और ई. WHO के अनुसार विश्व में हेपेटाइटिस बी और-सी से लगभग 32.5 करोड़ लोग संक्रमित हैं और हर साल लगभग 13 लाख लोगों की मौत हेपेटाइटिस बी और-सी से ही होती है. (Hepatitis B, Hepatitis C) 

हेपेटाइटिस के बारे में बात करते हुए धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कन्सल्टेंट डॉक्टर महेश गुप्ता ने कहा कि हेपेटाइटिस मुख्य रूप से लीवर की बिमारी है जो वायरल इन्फेक्शन के कारण होती है. इससे ग्रसित व्यक्ति के लीवर में सूजन आ जाती है लेकिन शुरुआत में लक्षण साफ नहीं होते. उन्होंने कहा कि लोगों को अब तक इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. 

हेपेटाइटिस ए (A) 

यह आमतौर पर साफ सफाई न होने से होता है, हालांकि हेपेटाइटिस कुछ ही महीनों में ठीक भी हो जाता है लेकिन कई मामलों में यह बेहद खतरनाक भी हो सकता है. हेपेटाइटिस ए में दर्द और खुजली जैसे लक्षणों से तो राहत मिलने के उपाय हैं लेकिन इसके अतिरिक्त और कोई भी उपचार नहीं है. हेपेटाइटिस ए और बी का टीका बच्चों में दिया जाता है जिससे बिमारी से बचा जा सके लेकिन अगर वैक्सीन न लगी हो और उसे हेपेटाइटिस हो जाए तो बाद में वैक्सीन का कोई फायदा नहीं होता है 

हेपेटाइटिस बी (B) 

यह वायरस अधिकतर संक्रमित व्यक्ति के खून से फैलता है, सामान्य तौर पर यदि कोई संक्रिमित गर्भवती महला है तो उसके बच्चों के संपर्क में आने के कारण ये वायरस फैलता है. वहीं कुछ मामलों में ये असुरक्षित यौन सम्बंध और ड्ग्स इजेक्शन से भी फैलता है. इस संक्रमण से अधिकरत वयस्क लोगों को ज्यादा खतरा नहीं रहता पर बच्चों में ज्यादा खतरा रहता है. हेपेटाइटिस बी के इलाज के लिए एटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जा सकता है

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हेपेटाइटिस का वैक्सीनेशन (Hepatitis Vaccination) 

हेपेटाइटिस ए की वैक्सीन बच्चों और बड़े दोनों को दी जाती है. बच्चों को पहली खुराक 12 माह से 23 माह के बीच लगाई जाती है और दूसरी खुराक 2 से 4 साल के बीच दी जाती है. वयस्कों में वैक्सीन की दो खुराक दी जाती है पहली खुराक लेने के बाद 6 से 18 महीने के भीतर व्यक्ति को दूसरी खुराक लेनी होती है

हेपेटाइटिस बी- इसका वैक्सीन बच्चों में जन्म के समय से लेकर 6 महीने तक दिया जाता है इसे सभी बच्चों को लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, ये 3 डोस में दिया जाता है और 20 साल से अधिक उम्र के लोगों में यह डोस 3 खुराक में दिया जाता है

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हेपेटाइटिस का इलाज (Hepatitis Treatment) 

अगर लीवर में सूजन है,त्वचा का रंग पीला है ये सब लक्षणों को देखते हुए कुछ टेस्ट किए जाते हैं जैसे-पेट का अल्ट्रासाउन्ड,लीवर फंक्शन टेस्ट, लीवर बायाप्सी,ऑटोइन्यून ब्लड मार्कर टेस्ट,फाइब्रो स्कैन जिससे इस बिमारी का पता लगाया जाता है. फिर क्रोनिक हेपेटाइटिस जैसे-हेपेटाइटिस  बी, सी, डी व एक्यूट- ए और ई की पहचान के बाद इनके लिए दवाई लेने की जरूरत पड़ती है. धीरे-धीरे मरीज ठीक होता है, लेकिन संक्रमण अगर ज्यादा हुआ तो लीवर खराब तक हो जाता है. 
 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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